कोरोना की दूसरी लहर से देशभर में स्वास्थ्य संसाधनों पर जबरदस्त बोझ पड़ा है। बड़ी तादाद में लोगों को तुरंत इलाज की ज़रूरत पड़ रही है। ऐसे में कई बार लोग सोशल मीडिया के प्रभाव में तरह-तरह के और अजीबोगरीब घरेलू नुस्खे भी आजमा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से कई नुस्खे कोरोना से बचाव या संक्रमित मरीज को राहत देने के कतई काम नहीं आते। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ प्रचलित नुस्खों का सच।
1. वायरस की काट नहीं है एंटीबायोटिक
अफवाह : कोरोना से बचाने में एंटीबायोटिक दवाएं कारगर हैं, साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज के जल्द उपचार के लिए उसे ये दवा देनी चाहिए।
तथ्य : हार्वर्ड विश्वविद्यालय के मुताबिक, एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया जनित रोगों से सुरक्षा देती हैं जबकि कोविड-19 एक वायरस जनित रोग है। कुछ कोरोना संक्रमित मरीजों में यह देखा गया है कि उनके शरीर में कुछ बैक्टीरियल बीमारियां भी हो जाती हैं, जिनके उपचार के लिए ही इन दवाओं का उपयोग किया जाना चाहिए।
2. कपूर-अजवाइन का तेल नहीं कारगर
अफवाह : कपूर, अजवाइन और यूकेलिप्टस के तेल का मिश्रण कोविड के मरीजों में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में काफी कारगर है।
तथ्य : अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, कपूर की भाप शरीर के अंदर जाकर विषाक्त हो सकती है, यह बाहरी उपयोग की सामग्री है।