बिजनेस

इस शानदार तरीके से कीजिये कपास की खेती और बन जाइये लखपति, जानिए कपास की खेती के लिए आवश्यक जलवायु

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको मैं भी खास फसल की जानकारी देने वाले हैं जिसे की व्हाइट गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है. जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं कपास की खेती की जिससे कि कई सारे किसान भाई बहुत ही तगड़ा मुनाफा कमाते हैं. दोस्तों कपास की खेती के लिए 16 डिग्री सेल्सियस तापमान और फसल बड़वाल के लिए 21 से 27 डिग्री का तापमान पर्याप्त होता है. दोस्तों इसी के साथ इस ठंडी क्षेत्र में बहुत ज्यादा खेती के लिए प्रयोग किया जाता है और आपको बता दे कि अमेरिकी कपास की प्रजातियां की बुवाई देसी प्रजातियों से भी कुछ पहले की जाती है.

जामुन खाने से क्या होंगे शरीर मे फायदे और नुकसान पुरी सटीक जानकारी यहा देखे

दोस्तों सबसे पहले हम आपको बता दे की है मेरी कान कपास का 15 से 20 किलो प्रति हेक्टेयर और शंकर किस्म का 2 से 2.5 और देसी कपास का 15 से 16 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीच पर्याप्त होता है. दोस्तों इसकी खेती के समय ध्यान रहे की देसी कपास के लिए 60×30 cm और संकर प्रजाति के लिए 90×60 cm पंक्ति से पंक्ति और पौधों से पौधों की दुरी होना आवश्यक है. दोस्तों सिंचित क्षेत्रो मे आप गेहूं की फसल के बाद भारत मे इसे बुवाई के लिए उपयोग कर सकते हैं.

इस शानदार तरीके से कीजिये कपास की खेती और बन जाइये लखपति, जानिए कपास की खेती के लिए आवश्यक जलवायु

दोस्तों अगर आप तो पास की खेती करते हैं तो ध्यान रहे की कपास की खेती के लिए आपको कम से कम 50 सेंटीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है. साथी दोस्तों आपको इसके लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु की भी आवश्यकता होती है. आपको इसके लिए जलधारण एवं जल निकासी की उचित क्षमता वाली मिट्टी चाहिए होती है जिसमें कि आप बलुई और बलुई दोमट मिट्टी का प्रयोग कर सकते हैं. दोस्तों इसी के साथ आपको बताना है कपास की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6 के बीच होना चाहिए और साथ ही यह भी ध्यान रहे कि इसकी खेती 8.5 पीएच मान तक वाली मिट्टी में भी की जा सकती है.

मार्केट में रुतबा बनाने आ गई Mahindra Bolero

दोस्तों कपास की खेती में अगर आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप मुख्य रूप से अमेरिकन कपास जैसे f286, एलएस 886, f414, गुजरात कॉटन 14 और गुजरात कॉटन 16 के साथ ही गंगानगर अगेती या तो बीकानेरी नरमा किस्म का प्रयोग कर सकते हैं. वहीं पर अगर आप देसी कपास की बुवाई करते हैं तो इसमें आप मुख्य रूप से लोहित यमली और मलजरी के साथ ही rch 308, lh 144, एनएच एच 44 किस्म का प्रयोग कर सकते हैं.

 

Related Articles

Back to top button