DGlocker Update:राजधानी में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) प्रदेश के सभी कालेजों के विद्यार्थियों के लिए डिजिटल लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराएगा। इसका एक फायदा यह होगा कि देश- विदेश का कोई भी विश्वविद्यालय या कंपनियां आसानी से विद्यार्थियों के दस्तावेजों का आनलाइन सत्यापन कर सकेंगे।
प्रयोग के तौर पर इसकी शुरुआत बुधवार से बीयू के विद्यार्थियों से होने जा रही है। इसका शुभारंभ आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। नियमित विद्यार्थियों के लिए बीयू और दूरस्थ विद्यार्थियों के लिए भोज मुक्त विवि को सत्र 2019-20 और 2020-21 में प्रवेशित करीब आठ लाख विद्यार्थियों का डाटा 31 मार्च तक आनलाइन करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह काम पूरा हो गया है। राज्य के अन्य विवि 30 अप्रैल तक अपने विद्यार्थियों का डाटा डिजिटल करेंगे। इसके बाद शेष कक्षाओं और सत्रों के विद्यार्थियों का डाटा आनलाइन होगा।
DG Locker Update
प्रथम चरण में डिजि लॉकर के माध्यम से विद्यार्थियों की अंक-सूची उपलब्ध कराई जाएगी। अगले चरण में उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन आदि प्रमाण-पत्र डिजी लाकर के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे। वर्तमान में अंकसूची विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के बाद महाविद्यालय को दी जाती है। जहां से विद्यार्थी प्राप्त करते हैं। डिजि लाकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही विद्यार्थी अपनी अंकसूची प्राप्त कर सकता है। विद्यार्थी के अंतिम वर्ष के परिणाम के साथ ही डिजि लाकर के माध्यम से आनलाइन डिजिटल प्रोविजनल डिग्री दी जा सकती है।
DG Locker Update ऐसे होगा सत्यापन
विद्यार्थियों को लागिन व पासवर्ड मिलेगा, जिससे वह लाकर खोल पाएंगे। इसके बाद विद्यार्थी का रोल नंबर डालते ही उनका टेबुलेशन रजिस्टर, मार्कशीट और डिग्री सामने आ जाएगी।
DG Locker Update डिजि लॉकर से यह होगा फायदा
विद्यार्थी सीधे अपने डिजि लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रमाण-पत्रों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। अंकसूची तथा उपाधि परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही विद्यार्थी को प्राप्त हो सकेगी। इससे प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत ही कम समय में हो सकेगा। प्रमाण-पत्रों में डिजिटल हस्ताक्षर होंगे।
DG Locker Update परेशान होते थे विद्यार्थी
अभी सबसे ज्यादा परेशानी कंपनियों द्वारा भेजे गए दस्तावेजों का सत्यापन कराने में होती है। दो-दो माह तक सत्यापन के पत्र विश्वविद्यालय में पड़े रहते हैं। ऐसे में कई बार विद्यार्थियों को अपनी नौकरी से हाथ थोना पडा है। अब विद्यार्थियों को डिजि लाकर की सुविधा दी जा रही है।
इस डिजि लाकर से विद्यार्थियों को बहुत फायदा मिलेगा। विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र और अंकसूची के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
– डा. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री, मप्र