ग्वालियर। ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के ऐसे हिस्से में स्थित होता है। जो उसके समीप ब्रेन का वह हिस्सा होता है जो कि शरीर के उन कार्यों को नियंत्रित करता है जो हमारे लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। ट्यूमर को सर्जरी द्वारा निकालते समय मस्तिष्क का कुछ मिलीमीटर अतिरिक्त हिस्सा अगर निकल जाए तो मस्तिष्क के उस हिस्से द्वारा संपादित कार्य सदैव के लिए नहीं हो सकते हैं।
ऐसे मरीज विश्व के बड़े हॉस्पिटल में ही आते हैं। लेकिन ऐसा ही केस बिरला हॉस्पिटल में आया जिससे वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डा.अभिषेक चौहान ने इलाज किया। 9 वर्ष की बच्ची ओपीडी में आई जिसको 4 मिर्गी रोधी दवायें लेने के बाद भी 2 वर्षों से मिर्गी के दौरे पड़ते थे।
बिरला हॉस्पिटल में उपलब्ध अत्याधुनिक मशीन से ज्ञात हुआ कि बच्ची को एक दुर्लभ ब्रेन ट्यूमर है। ट्यूमर एक ऐसी जगह स्थित था जहां से मस्तिष्क शरीर के मूवमेंट एवं स्पीच को नियंत्रित करता है। बच्ची के अभिभावक दिल्ली एवं बैंगलोर के हॉस्पिटल में सर्जरी करवाना चाहते थे लेकिन वहां यही सर्जरी बिरला हॉस्पिटल की तुलना में 3 गुने मूल्य पर हो पाती जो उनके लिए सामर्थ्य के बाहर था।
डा.अभिषेक चौहान ने बच्ची के अभिभावकों को समझाया कि अवेक क्रेनियोटॉमी सर्जरी से ट्यूमर से छुटकारा पाया जा सकता है। बच्ची की सर्जरी डा.अभिषेक चौहान और डा.विनोद सेंगर ने सफलतापूर्वक की।
वहीं बच्ची सर्जरी के दौरान कैसियो बजाती रही और गीत भी गुनगुनाती रही जिससे उसके मस्तिष्क के महत्वपूर्ण हिस्सों को क्षति न पहुंचे इसका आंकलन होता रहा। बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है। डायरेक्टर डा.कर्नल एसएल देसाई ने बताया कि इसके साथ ही क्रिटिकल केयर मेडिशन डिपार्टमेंट शुरू किया गया है।