Driver Less Car In India मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) ने भारत की पहली मानव रहित कार बनाई है। इसे एमएनएनआईटी के बीटेक के छात्रों ने बनाया है। पहले चरण में परीक्षण सफल होने के बाद शनिवार को माइक्रोसाफ्ट एशिया के अध्यक्ष अहमद मजहरी के सामने इसका पहला डेमो होगा।
MNIT Student Make Robotic Car In India
बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मानव रहित कार के प्रोजेक्ट का पहला चरण दो साल की अथक मेहनत के बाद पूरा कर लिया गया है। प्रयोग के तौर पर गोल्फ कार्ट में इस कार के सिस्टम को फिट किया गया है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग सफल होने के बाद फिलहाल इस कार को किसी भी सड़क पर सीधे चलने के लिए उतारा गया है। इस कार के आगे और पीछे कैमरा लगाया गया है।
रास्ता देख कर स्वत: चल सकेगी
इससे यह कार बिना किसी मानव चालक के ही रास्ता देख कर स्वत: चल सकेगी। कार को सामने से आने वाली कोई भी गाड़ी, आदमी, भीड़, जानवर या फिर गड्डा, कटान सब कुछ दिख जाएगा और किसी तरह का अवरोध होने पर वह अपने आप ब्रेक लेकर रुक जाएगी। इतना ही नहीं अवरोधक के हटने के साथ ही यह मानव रहित कार अपने गंतव्य के लिए रवाना भी हो जाएगी। वह सड़क दुर्घटना के हर कारणों को भांप सकेगी। फिलहाल यह कार अभी सीधे रास्ते पर ही चल सकेगी।
प्रोफेसर समीर के निर्देशन में 19 छात्रों ने मिलकर इस कार को तैयार किया
महीने भर बाद दूसरा चरण पूरा होने पर वह किसी भी मोड़ या घुमावदार रास्ते पर चलने के साथ ही आगे पीछे भी मुड़कर फर्राटा भर सकेगी। एमएनएनआईटी के प्रोफेसर समीर के निर्देशन में बीटेक छात्र विभांशु समेत सेकेंड ईयर, थर्ड ईयर और फाइनल ईयर के कुल 19 छात्रों ने मिलकर इस कार को तैयार किया है।
एमएनएनआई के 1995 बैच के छात्र रहे आरआरडी गो क्रिएटिव के वाइस प्रेसीडेंट रोहित गर्ग के अलावा सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली में अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात राजेश कुमार ने इस मानव रहित कार के निर्माण के लिए मार्गदर्शन किया और फंडिंग भी की है। इस कार के निर्माण पर सात लाख रुपये की लागत आई है।