इस शानदार काली दाल का प्रयोग कर बरसात में कमाइए तगड़ा मुनाफा, कम मेहनत में मिलेगा भरपूर फायदा

नमस्कार दोस्तों आज के इस शानदार आर्टिकल में हम किसान भाइयों के लिए बरसात में बोई जाने वाली एक मुख्य फसल उड़द की खेती के बारे में जानकारी लेकर आ गए हैं जिसकी दाल भारत में काफी ज्यादा पसंद करी जाती है और यह एक तिलहन फसल है जिससे आप कम मेहनत में अच्छा पैसा कमा सकते हैं। तो दोस्तों अगर आप भी उड़द की खेती करना चाहते हैं तो चलिए आपको इसकी उचित जलवायु और मिट्टी के बारे में जानकारी देते हैं।

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दोस्तों उड़द की खेती के लिए उसने कटिबंधीय क्षेत्र काफी ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं और गर्म जलवायु के साथ आदत जलवायु इसके लिए मुख्य होती है जिसकी फसल आप गर्म मौसम में भी कर सकते हैं और इसी के साथ बात की जाए मिट्टी की तो आप इसके लिए रेतीली मिट्टी के साथ-साथ भारी कपास वाली मिट्टी का भी प्रयोग कर सकते हैं जिसका पीएच मान 6.5 से लेकर 7.8 के बीच होना चाहिए और ध्यान रहे की चरिया मिट्टी में इसकी खेती न की जाए।

इस शानदार काली दाल का प्रयोग कर बरसात में कमाइए तगड़ा मुनाफा, कम मेहनत में मिलेगा भरपूर फायदा

इसकी बुवाई के लिए आप जून के अंत का समय ले सकते हैं और अगर आप रवि मौसम में इसकी खेती करते हैं तो आप अक्टूबर में इसे उगा सकते हैं और साथ ही इसे आप ग्रीष्मकालीन मौसम में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में खेती के लिए प्रयोग कर सकते हैं और आपको बता दे कि आपको 12 से 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बरसात में इसकी खेती करना चाहिए। वहीं पर अगर आप रवि में इसकी खेती करते हैं तो आपको 18 से 20 किलोग्राम बिक प्रति हेक्टेयर और ग्रीष्मकालीन में 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज दर की आवश्यकता होती है।

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दोस्तों अगर आप उड़द की खेती करते हैं तो आपको इसकी खेती के बाद समय-समय पर इसकी सही सिंचाई करनी चाहिए और आप 10 से 15 दिनों के अंतराल में इसकी सिंचाई करते रहे और जब इसमें कीड़े लगने की गुंजाइश हो तो आप समय-समय पर उचित कीटनाशक कभी प्रयोग करके इसे सुरक्षित रख सकते हैं। जान रहे कि जब आप उड़द की खेती करे तो इसके बीजों को उपचारित करके ही प्रयोग करें और इसी के साथ आपको समय-समय पर इसकी निराई गुड़ाई भी करनी चाहिए।

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