ED Raid On Payment Gateway प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेमेंट गेटवे से जुड़े फर्जी मोबाइल फोन एप्लिकेशन के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के एक मामले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान 40.64 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है। ईडी ने बुधवार को बताया कि जब्त की गई राशि बैंक खातों में जमा राशि के रूप में है और एक राशि भुगतान समाधान उपलब्ध कराने वालों के पास है। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है।
एजेंसी ने इस मामले में कथित धोखाधड़ी रैकेट या पेमेंट गेटवे में आरोपी एक कारोबारी की पहचान का खुलासा नहीं किया है। ईडी ने कहा कि यह मामला एक जून को बेंगलुरु पुलिस की साइबर क्राइम सेल की ओर से दर्ज की गई एक एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपी संस्थाओं ने नियमित तौर पर ब्याज भेजने का आश्वासन देकर लोगों को पावरबैंक और सनफैक्ट्री एप के जरिए निवेश लिए प्रेरित किया।
लोगों को धोखा देकर जुटाए 300 करोड़ से अधिक रुपये
ईडी ने कहा कि आरोपी संस्थाओं ने लोगों से जब बड़ी मात्रा में पैसा जुटा लिया तो अपना कथित व्यापार बंद कर दिया। आरोपियों ने न तो मूल धन ही लौटाया और न ही ब्याज का पैसा दिया। ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपी संस्थानों ने खुद को एक साली कारोबारी बताते हुए एक मर्चेंट अकाउंट बनाया और विभिन्न पेमेंट गेटवे के माध्यम से 300 करोड़ रुपये से अधिक का पैसा जुटाया। प्रवर्तन निदेशालय ने आगे कहा कि मामले की जांच की जा रही है।