EPFO के लाखों सदस्यों व खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें एक नई सुविधा मिलने जा रही है।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन या ईपीएफओ ने केंद्रीकृत आईटी-इनेबल सिस्टम को मंजूरी दे दी है जिसके बाद कर्मचारियों को नौकरी बदलने पर अपना पीएफ फंड ट्रांसफर नहीं करवाना पड़ेगा।
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग या सी-डैक द्वारा सिस्टम के विकास के बाद, एक कर्मचारी का पीएफ खाता नंबर वही रहेगा यदि वे अपनी नौकरी बदलते हैं और उन्हें खाता हस्तांतरण के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। क्षेत्रीय कार्यकलाप एक केंद्रीय डेटाबेस पर चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेंगे जिससे और बेहतर सेवा वितरण संभव हो सकेगा।
यह प्रणाली किसी भी सदस्य के सभी पीएफ खातों के डी-डुप्लीकेशन और विलय की सुविधा प्रदान करेगी। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में ईपीएफओ के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 229 वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। यादव ने बैठक के बाद कहा, “वर्तमान में, हमने केवल नए जोड़े गए सरकारी उपकरणों (बॉन्ड और इनविट्स) में निवेश करने का फैसला किया है। इसके लिए कोई प्रतिशत नहीं है। एफआईएसी द्वारा मामले के आधार पर इसका फैसला किया जाएगा।
हाल ही में पेंशन फंड के लिए निवेश के पैटर्न में InvITs जैसे नए उपकरण जोड़े हैं। केंद्रीय श्रम सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा, “अगर हम उच्च ब्याज दर प्रदान करना चाहते हैं तो हमें वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। कुछ ऐसे उपकरण (नियमों में निर्धारित) हैं जहां हम विभिन्न कारणों से निवेश करने में सक्षम नहीं थे। उन्होंने कहा, “हम उन इनविट या बॉन्ड में निवेश करेंगे जहां हमें फंड की सुरक्षा मिलेगी क्योंकि हम कर्मचारी भविष्य निधि के ट्रस्टी हैं। हम रिटर्न को अधिकतम करने पर ध्यान देंगे, लेकिन फंड की सुरक्षा को भी ध्यान में रखेंगे।”
EPFO ने लिए ये अन्य फैसले
ईपीएफओ ने चार उप-समितियों का गठन करने का भी फैसला किया है, जिसमें कर्मचारियों और नियोक्ता पक्षों के बोर्ड के सदस्यों के साथ-साथ सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। स्थापना से संबंधित मामलों और सामाजिक सुरक्षा संहिता के भविष्य के कार्यान्वयन पर समितियों की अध्यक्षता श्रम और रोजगार राज्य मंत्री करेंगे। केंद्रीय श्रम और रोजगार सचिव डिजिटल क्षमता निर्माण और पेंशन संबंधी मुद्दों पर शेष दो का नेतृत्व करेंगे। वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफओ के कामकाज पर 68वीं वार्षिक रिपोर्ट के मसौदे को भी संसद के समक्ष रखने की सिफारिश के साथ बैठक में मंजूरी दी गई।