EPFO Update होली से पहले सरकार ने कर्मचारियों को एक बड़ा झटका दिया है, जो सीधे देश के लगभग छह करोड़ वेतनभोगियों को निराश करने वाला है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार से गुवाहाटी में शुरू हुई थी। बैठक में गहन विचार-विमर्श करने के बाद शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया गया है। ईपीएफओ ने जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर में बदलाव करते हुए इसे 8.5 से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
EPFO Update पहले से थी कटौती की उम्मीद
गौरतलब है कि बैठक के शुरू होने पहले ये संभावना जताई जा रही थी कि इस दो दिवसीय बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि (पीएफ) की ब्याज समेत कई प्रस्तावों पर बड़े फैसले हो सकते हैं। कहा जा रहा था कि मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। हालांकि, अनुमान था कि यदि कटौती की जाती है तो ब्याज दरों को 8.35 से 8.45 प्रतिशत के मध्य रखा जा सकता है। लेकिन संगठन ने इस 8.1 प्रतिशत तय करने पर मुहर लगाई है। अब सीबीटी के फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर वित्त मंत्रालय को सहमति के लिए भेजी जाएगी। ईपीएफओ सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय के माध्यम से इसकी पुष्टि करने के बाद ही ब्याज दर प्रदान करता है।
EPFO Update बीते चार दशकों में सबसे ज्यादा कम
रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ की ओर से तय की गई यह ब्याज दर पिछले चार दशक से ज्यादा समय से यानी 1977-78 के बाद से सबसे कम है। जब ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी थी। यहां बता दें कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर मार्च 2021 में तय की थी। यहां ईपीएफओ की ओर से पिछले वित्त वर्षों में पीएफ खाते में जमा पर मिलने वाली ब्याज दरों पर नजर दौड़ाएं तो ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 और इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी ब्याज तय की थी। इससे पहले 2018-19 में ईपीएफओ पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया गया था। ईपीएफओ ने 2016-17 और 2017-18 में भी 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया था। वहीं, 2015-16 में ब्याज दर 8.8 फीसदी, 2013-14 और 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत थी।