EPFO | Pension: नौकरीपेशा लोग अक्सर पीएफ खाते को लेकर परेशान रहते हैं. खासकर निजी कंपनियों में काम करने वाले ज्यादातर लोगों को ईपीएफ में मिलने वाली पेंशन की जानकारी नहीं होती है. जानकारों का कहना है कि वेतनभोगी व्यक्ति के वेतन से काटी गई राशि दो खातों में जाती है. पहला है प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ और दूसरा है पेंशन फंड यानी ईपीएस. कर्मचारी के वेतन से काटे गए पैसे का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा हो जाता है. इसके अलावा कंपनी द्वारा 3.67 प्रतिशत ईपीएफ में जमा किया जाता है और शेष 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जमा किया जाता है
कोई भी कर्मचारी एक निश्चित समय के बाद अपने पीएफ खाते की रकम निकाल सकता है. लेकिन, पेंशन राशि निकालने के नियम सख्त हैं, क्योंकि वे अलग-अलग स्थितियों में तय होते हैं. अगर नौकरी 6 महीने से ज्यादा और 9 साल 6 महीने से कम की है तो फॉर्म 19 और 10सी जमा कर पीएफ की रकम के साथ पेंशन की रकम भी निकाली जा सकती है.
तो अगर नौकरी 9 साल और 6 महीने से ज्यादा है तो क्या मैं पेंशन का पैसा निकाल सकता हूं?
अगर आपकी नौकरी को 9 साल 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं तो आप अपने पीएफ के साथ पेंशन की रकम नहीं निकाल पाएंगे, क्योंकि 9 साल 6 महीने की सर्विस 10 साल के बराबर मानी जाती है.
EPFO के नियम बताते हैं कि अगर आपकी नौकरी 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के हकदार हो जाते हैं. इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इसका मतलब है कि आपको आजीवन पेंशन मिलेगी, लेकिन आप सेवानिवृत्ति से पहले पेंशन का कुछ हिस्सा नहीं निकाल पाएंगे.
क्या रिटायरमेंट पर मिलेगी पेंशन?
अगर आप 9 साल 6 महीने से कम के मामले में पेंशन का कुछ हिस्सा निकाल लेते हैं तो याद रखें कि उसके बाद आप पेंशन के हकदार नहीं होंगे. पीएफ के साथ पेंशन का पैसा निकालने का मतलब है पीएफ का पूरा और फाइनल सेटलमेंट और ऐसे में आपका वह पीएफ अकाउंट नंबर पूरी तरह से बंद हो जाता है.