EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता पर सुनवाई पूरी हो गई है। संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत के फैसले से ही तय होगा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन में 10 फीसदी आरक्षण मिलना जारी रहेगा या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में CJI यूयी ललित की अध्यक्षता में एक संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता पर सुनवाई की। इस दौरान केंद्र की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता, बल्कि उसे मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने ये भी दलील दी कि संविधान की प्रस्तावना में भी आर्थिक न्याय की बात कही गई है।
जनवरी 2019 में केंद्र सरकार ने 103वें संविधान संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS कैटेगरी के लिए एडमिशन और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान जोड़ा था। केंद्र के इसी फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि ईडब्ल्यूएस कोटा रिजर्वेशन के मामले में 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता के वकील ने ये दलील भी दी कि ये आरक्षण बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें सिर्फ उच्च वर्गों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं।