खेती किसानी

बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खेती करने वाले किसान भाई करे ये जरुरी काम, बेहतर पैदावार के साथ मिलेगा तगड़ा मुनाफा

नमस्कार दोस्तों आज के इस किसान समाचार में हम खरीफ किसानो के लिए सोयाबीन की खेती की महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आ गए है. दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की अगर आप बुआई से पहले कुछ तकनीकें अपनाकर इसका उत्पादन करते है तो आपको इससे बहुत ही ज्यादा उत्पादन और लाभ मिलेगा. आपको बुआई से पहले खेत की तैयारी सहित किस्मों के चयन, खाद के प्रयोग, अंकुरण परीक्षण करना बेहद ही जरुरी होता है.

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दोस्तों जानकारों के अनुसार बताया जाता है की आपको 3 सालों में कम से कम एक बार खेत की गहरी जुताई करन ज्यादा फायदेमंद होता है. साथ ही आपको खेती में लगभग 2 से 3 किस्मों की खेती करना चाहिए. किसान 3 वर्षों में एक बार अपने खेत में ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई अवश्य करें और विपरीत दिशाओं में दो बार कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें. वही पर अगर आप पिछले वर्ष गहरी जुताई कर चुके हैं तो वे इस साल केवल विपरीत दिशाओं में कल्टीवेटर (बखरनी) एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें.

बड़ी मात्रा में सोयाबीन की खेती करने वाले किसान भाई करे ये जरुरी काम, बेहतर पैदावार के साथ मिलेगा तगड़ा मुनाफा

वही पर मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए किसान गोबर खाद 5 से 10 टन प्रति हेक्टेयर या मुर्गी की खाद 2.5 टन प्रति हेक्टेयर डालकर इस्तेमाल करे. साथ ही 5 साल में एक बार अपनी सुविधा अनुसार अंतिम बखरनी से पहले 10 मीटर के अंतराल पर सब सॉइलर चलाये. इससे वर्षाजल खेत की गहरी सतह तक जा सकें और सूखे की स्थिति बनने पर फसल को नमी मिलती रहे . इसी के साथ साथ आप दो फसलें लेने वाले किसान मध्यम या अधिक अवधि में पकने वाली सोयाबीन की किस्मों का प्रयोग कर सकते है. पहले अंकुरण परीक्षण अवश्य करें और न्यूनतम 70% बीजों का अंकुरण होने पर ही बीजों को बोये.

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दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की सोयाबीन फसल के लिए अनुशंसित 45 सेंटीमीटर क़तारों पर तथा 5 से 10 सेंटीमीटर की दूरी पौधों से पौधों के बीच रखना फायदेमंद होता है. साथ ही बड़े आकार के बीज की तुलना में छोटे या मध्यम आकार के बीज की अंकुरण क्षमता ज्यादा होती है. आप न्यूनतम 70 प्रतिशत बीज अंकुरण, बीज का आकार एवं अनुशंसित दूरी को ध्यान में रखकर 60-75 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर बीज दर का इस्तेमाल कर सकते है. जहां तक संभव हो सोयाबीन की बुआई बी.बी.एफ. (चौड़ी क्यारी प्रणाली) या (रिज-फरो पद्धति) कुंड मेड़ प्रणाली से करें.

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