First Temple Solar System। शहर के पश्चिम क्षेत्र के एयरपोर्ट रोड पर साढे चार एकड़ में फैले श्रीविद्याधाम आश्रम सौर उर्जा से रोशन हो गया है। महाकाल मंदिर की तर्ज पर यहां 30 और 20 किलोवाट के दो सौर उर्जा उत्पादन सयंत्र लगाए गए है। इसके चलते अब श्रीविद्याधाम सौर उर्जा से रोशन शहर का एकमात्र धार्मिक स्थल बन गया है। सयंत्र से हर दिन 300 से 400 युनिट बिजली का उत्पादन होगा। पांच हजार वर्गफीट में लगे संयत्र पर 30 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है।
संयत्र के लगने से हर माह 80 हजार से एक लाख रुपये तक आने वाले बिजली के बिल से राहत मिलेगी। सयंत्र की उम्र 25 वर्ष है।सयंत्र में 92 सोलर प्लेट लगाई गई है।अनुमान है कि इसकी लागत पर लगा खर्च 4 साल में निकल जाएगा। बिजली के बिली की राशि में सालाना 8 से 10 लाख रुपये की राशि बचेगी। इसका उपयोग ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही सेवा गतिविधियों में किया जाएगा। ट्रस्ट के महामंत्री पूनमचंद अग्रवाल का कहना है कि सयंत्र लगाने का उद्देश्य ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही सौर उत्पादन सयंत्र लागकर बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
First Temple Solar System 11 मंदिर, अन्नक्षेत्र, गोशाला, संस्कृत महाविद्यालय के लिए उपयोगी
साढे चार एकड़ में बने आश्रम में विभिन्न धार्मिक व सेवा गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसमें मां परांबा के प्रमुख मंदिर के अलावा ब्रह्मलीन गिरिजानंद सरस्वती, गणेश परिवार, शिव परिवार, अन्नपूर्णा माता, सीतलामाता के मंदिर है। इसके अलावा सूर्य और नवग्रह के साथ शालिगराम और परशुराम मंदिर भी है। यहां गो शाला में 450 गाय, 200 विद्यार्थी के लिए छात्रवास, संस्कृत पाठशाला, संत निवास, यज्ञशाला और भोजनशाला भी अब ग्रीन उर्जा से रोशन होंगी।
First Temple Solar System लोग होंगे प्रेरित, बिजली खर्च से मिलेगी राहत
सौर उर्जा सयंत्र लगाने से बिजली उत्पादन होगा। इससे प्रदूषण की रोकथाम में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही बिजली पर होने वाले खर्च से भी निजात मिलेगी। वर्तमान समय में सौर उर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
– दिनेश शर्मा, मंत्री विद्या आश्रम ट्रस्ट
First Temple Solar System खजराना गणेश मंदिर भी प्लांट लगाना प्रस्तावित
शहर के देश-विदेश में ख्यात खजराना गणेश मंदिर में भी सौर उर्जा उत्पादन संयत्र लगाना प्रस्तावित है। इसे लेकर पिछले साल दिसंबर में हुई बैठक में प्रस्ताव पर सहमति बनी थी। मंदिर में विद्युत उर्जा का उपयोग मंदिरों के अलावा भोजनालय, अस्पताल, शुद्ध पानी के लिए आरओ प्लांट, परिसर में पौधों में पानी के लिए बिजली का उपयोग किया जाता है। एक आंकलन के मुताबिक करीब प्लांट लगाने पर 45 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी।