Free Rashan: अब मुफ्त का गेहूं मिलना मुश्किल, केंद्र से नहीं बढ़ा आवंटन । मध्य प्रदेश के गरीब परिवारों को मुफ्त के गेहूं की रोटी मिलेगी, यह तय नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि मप्र के दो बार मांग करने के बावजूद केंद्र ने अब तक गेहूं का आवंटन नहीं बढ़ाया है। इसकी वजह से भोपाल समेत 20 जिलों के लाखों गरीब परिवारों को मुफ्त में मिलने वाले गेहूं का वितरण पांच माह से बंद है।
यह गेहूं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य राशन दुकानों से मिलता था। अभी गेहूं की जगह पांच किलो चावल दिया जा रहा है। इस योजना का विस्तार 31 दिसंबर तक ही है।
बता दें कि प्रदेश के सभी जिलों में पूर्व से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत गरीबों को दो रुपये प्रति किलो की दर पर प्रति माह प्रति सदस्य पांच किलो गेहूं मिलता है। जबकि (पीएमजीकेएवाई) के तहत प्रति माह प्रति सदस्य पांच किलो निश्शुल्क अनाज देने की व्यवस्था थी, जिसमें चार किलो गेहूं व एक किलो चावल दिया जाता था।
अब इसमें केवल चावल मिल रहा है। वितरण प्रणाली से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र से ही आवंटन रोका गया है, जिसे शुरू कराने की कोशिश की गई। लेकिन अब तक आवंटन नहीं मिला है।
– अधिकारियों के मुताबिक जिन जिलों में गेहूं का आवंटन रोका गया है, वहां के ज्यादातर लोग भोजन में चावल अधिक पसंद करते हैं।
– धान का उत्पादन भी बंपर हुआ है और खरीदी भी अच्छी हुई है, इसलिए चावल की खपत बढ़ाने की मंशा है।
इन जिलों में निश्शुल्क गेहूं वितरण बंद
प्रदेश के जिन जिलों में निश्शुल्क गेहूं वितरण बंद हुआ है, उनमें भोपाल, बैतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, पन्नाा, रायसेन, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी, सिंगरौली शामिल हैं। इन जिलों में पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं वितरित किया जा रहा था। अब यहां उक्त योजना के तहत केवल चावल ही दिया जा रहा है।
इन जिलों में दो योजना, तब भीचावल ही दे रहे
छह जिले अनूपपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, शहडोल और उमरिया में पीएमजीकेएवाई और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) योजना चल रही है। दोनों के तहत गेहूं का वितरण होता है, लेकिन यहां भी सिर्फ चावल ही बांटा जा रहा है।
इन जिलों में यह स्थिति
भोपाल : तीन लाख 64 हजार परिवारों के 15 लाख सदस्यों का राशन प्रभावित हुआ है। इन्हें पीएमजीकेएवाई योजना के तहत गेहूं बंद कर चावल ही दिया जा रहा है।
इंदौर : पीएमजीकेएवाई व एनएफएसए योजना के तहत तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं बांटा जा रहा है।
ग्वालियर : एनएफएसए में दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल दिया जा रहा है। पीएमजीकेएवाई में चार किलो चावल और एक किलो गेहूं वितरित किया जा रहा है।
– एक करोड़ 21 लाख 47 हजार 43 है प्रदेश में कुल राशनकार्ड धारियों की संख्या
– 26 हजार 299 राशन दुकानें हैं
– 3.50 लाख टन प्रति माह हो जाता है चावल का वितरण
– 1.50 लाख टन गेहूं का प्रति माह होता है वितरण
केंद्र स्तर से राशन वितरण की व्यवस्था में बदलाव किया गया था, जिसके कारण पीएमजीकेएवाई के तहत गेहूं की जगह चावल बांटा जा रहा है। केंद्र को गेहूं का आवंटन करने के लिए दो बार पत्र लिख चुके हैं। आगे भी प्रयास करेंगे, लेकिन आवंटन मिलेगा यह अभी तक तय नहीं है। – दीपक सक्सेना, संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग