Gaganyaan mission 2024: इसरो व नौसेना ने किया क्रू मॉड्यूल रिकवरी मॉडल का शुरुआती परीक्षण, 2024 में जाएगा गगनयान गगनयान मिशन के पूरे रिकवरी ऑपरेशंस का नेतृत्व भारतीय नौसेना द्वारा किया जा रहा है।अंतरिक्ष एजेंसी के बयान में कहा गया है कि चालक दल की सुरक्षित वापसी किसी भी सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान का अंतिम चरण है।
इस परीक्षण के दौरान क्रू मॉड्यूल की रिकवरी के लिए आवश्यक संचालन का क्रम पूरा किया ग 2024 में जाएगा गगनयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने नौसेना के साथ अपने गगनयान मिशन के तहत वॉटर सर्वाइवल टेस्ट फैसिलिटी (WSTF) में क्रू मॉड्यूल रिकवरी मॉडल के शुरुआती परीक्षण को पूरा कर लिया है। अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से कहा गया है कि यह परीक्षण गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल रिकवरी ऑपरेशंस की तैयारी का हिस्सा थी, जो कि भारतीय जल में किया जाएगा।
बता दें, गगनयान मिशन के पूरे रिकवरी ऑपरेशंस का नेतृत्व भारतीय नौसेना द्वारा किया जा रहा है। इस परीक्षण के दौरान क्रू मॉड्यूल की रिकवरी के लिए आवश्यक संचालन का क्रम पूरा किया गया।
तीन दिन के लिए भेजा जाएगा चालक दल
इसरो ने बताया, गगनयान मिशन के तहत तीन सदस्यीय चालक दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। उन्हें भारतीय समुद्री जल उतारा जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी के बयान में कहा गया है कि चालक दल की सुरक्षित वापसी किसी भी सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान का अंतिम चरण है। बयान में कहा गया है कि वॉटर सर्वाइवल टेस्ट फैसिलिटी भारतीय नौसेना की एक अत्याधुनिक सुविधा है जो विभिन्न परिस्थितियों और क्रैश परिदृश्यों के तहत विमान से बचने के लिए एयरक्रू को वास्तविक प्रशिक्षण प्रदान करती है।
कोरोना के कारण मिशन में हुई देरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में 2022 में इसे प्राप्त करने के एक अस्थायी लक्ष्य के साथ गगनयान मिशन की घोषणा की थी। हालांकि, कोविड महामारी के कारण कई देरी हुई और पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने की संभावना है।