Ganesh Chaturthi 2022: साल में कुल 24 गणेश चतुर्थी आती है। यानी कि हर महीने दो गणेश चतुर्थी का आगमन होता है। इनमें से पूर्णमासी के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। वहीं अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। हमारा देश धर्मपरायण देश है। यहां हर महीने कोई न कोई तीज त्योहार आता रहता है। इन त्योहारों को मनाने से घर में खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें भूलकर भी भगवान गणेश को अर्पित नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने पर गणपति रूठ जाते हैं और अशुभ फल देते हैं।
सफेद जनेऊ और वस्त्र
गणेश जी को कभी भी सफेद वस्त्र अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सफेद जनेऊ भी नहीं चढ़ानी चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके जगह जनेऊ को हल्दी में पीला करके गणेश जी को चढ़ाना चाहिए। पीला रंग गणेश जी को प्रिय होता है। इसे चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं।
टूटे और सूखे चावल
भगवान गणेश का एक दांत टूटा हुआ है। इसलिए गीले चावल ग्रहण करना उनके लिए सहज होता है। अतः गणेश जी को चावल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि टूटे हुए और सूखे न हों। भगवान गणेश को चावल अर्पित करने से पहले उन्हें थोड़ा गिला कर लें।
सफेद रंग का चंदन
भगवान गणेश की पीला रंग काफी प्रिय है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए सफेद चंदन के बजाय पीला चंदन अर्पित करना चाहिए या फिर पीला चंदन लगाना चाहिए। भगवान गणेश को तिलक लगाने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
तुलसी
भगवान गणेश की वंदना करते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि भूलकर भी उन्हें तुलसी के पत्ते अर्पित न करें। तुलसी को माता लक्ष्मी का पर्याय माना जाता है। वे भगवान विष्णु की बहुत प्रिय हैं। उन्हें तुलसी की जगह मोदक जैसी चीज अर्पित करें। जिसे पाकर वे प्रसन्न हो जाते हैं।
केतकी के सफेद फूल
भगवान गणेश को सफेद रंग और सूखे फूल अर्पित करना काफी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से परिवार में दरिद्रता आती है। गणेश जी को केतकी के फूल अर्पित नहीं किए जाते हैं। इस फूल का संबंध चंद्रमा से होता है। चंद्रमा ने एक समय पर गणेश जी का उपहास किया था। जिसके बाद गणेश जी ने उन्हें श्राप दे दिया था। और उनसे संबंधित सफेद चीजों को अपनी पूजा में वर्जित कर दिया था।