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Geo Tagging Of Nursing Colleges: फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मध्यप्रदेश के 667 नर्सिग कालेजों की होगी जियो टैगिंग

Geo Tagging Of Nursing Colleges जियो टैगिंग के जरिए डबल चेकिंग की जाएगी। इसके लिए मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं

Geo Tagging Of Nursing Colleges ग्वालियर। प्रदेश में नर्सिंग कालेजों का फर्जीवाड़ा रोकने और कानूनी विवादों से बचने सत्र 2021-22 की मान्यता जारी करने से पहले जियो टैगिंग के जरिए डबल चेकिंग की जाएगी। इसके लिए मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

दिशा-निर्देशों के मुताबिक कालेज संचालकों को मान्यता के लिए आनलाइन आवेदन करते समय मोबाइल एप एनआरसी एंड पीएमसी जियो पर कालेज बिल्डिंग, क्लास रूम, लैब के अलावा 100 बिस्तर के अस्पताल के लॉन्जीट्यूड एवं लेटीट्यूट (देशांतर एवं अक्षांश) मेजरमेंट फोटो के साथ अपलोड करने होंगे।

इसके बाद कालेजों का निरीक्षण करने वाली टीम इन को-ऑर्डिनेट्स के हिसाब से मौके पर फोटो खींचकर पोर्टल पर अपलोड करेगी। दोनों का मिलान होने पर ही नवीन मान्यता जारी करने या फिर मान्यता नवीनीकरण के संबंध में आगामी कार्रवाई की जाएगी। काउंसिल ने गत 22 दिसंबर तक जियो टैगिंग के साथ आवेदन करने वाले कालेजों को ही मान्यता की प्रक्रिया में शामिल करने का फैसला किया है।

 

Geo Tagging Of Nursing Colleges सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे हैं विवाद

पूरे देश के मुकाबले प्रदेश में सबसे अधिक नर्सिंग कालेजों का संचालन किया जाता है। इन कालेजों में मप्र के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल व उत्तराखंड जैसे राज्यों के छात्र भी एडमिशन लेते हैं। लगातार आरोप लगते रहते हैं कि अधिकतर नर्सिंग कालेज एक या दो कमरों में संचालित होते हैं और स्टूडेंट्स सिर्फ परीक्षा देने के लिए आते हैं। इस तरह के विवाद लगातार मप्र हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते रहते हैं। इसी दिसंबर माह में ही सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे 271 कालेजों की जांच के आदेश दिए हैं।

Geo Tagging Of Nursing Colleges क्या होती है जियो टैगिंग

जियो टैगिंग एक भौगोलिक जानकारी है, जो नक्शे में किसी स्थान के देशांतर एवं अक्षांश के साथ लोकेशन को चिह्नित करती है। इसके जरिए ही मोबाइल के मैप्स में एक लोकेशन से दूसरी लोकेशन तक पहुंचने के लिए सर्चिंग संभव हो पाती है। 120 नर्सिंग कालेज हैं ग्वालियर जिले में: ग्वालियर जिले में ऑक्सीलरी नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम), जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी (जीएनएम), बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग जैसे कोर्सों का संचालन करने वाले 120 कालेज हैं।

कैप्चर टाइम डिटेल भी रहेगी मौजूद बिल्डिंग, अस्पताल, लैब कहीं और दर्शाने जैसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए मोबाइल से की गई जियो टैगिंग व खींचे गए फोटो अपलोड होने के साथ ही इसकी टाइमिंग भी तत्काल ही दर्ज हो जाएगी। ये टाइमिंग पोर्टल पर ऩजर आएगी। इससे ये लाभ होगा कि कभी भी इन कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया जा सकेगा, साथ ही स्टूडेंट्स भी इन फोटो के आधार पर कॉलेज का चयन कर सकेंगे।

जियो टैगिंग के लिए हमने सभी दिशा-निर्देश पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं। कालेजों को मोबाइल एप के माध्यम से ही जियो टैगिंग कर को-ऑर्डिनेट अपलोड करने होंगे। सुनीता शिजू, रजिस्ट्रार मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल

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