Gold in Katni कटनी में फिर से स्वर्ण भंडार की संभावना जग गई हैं। आपको बता दें कि कटनी के इमलिया क्षेत्र में सोने की खोज करीब 17 साल पहले शुरू हुई थी। यहां सर्वे कर खनिजों की संभावना पर काम शुरू किया गया है और यह काम बीच-बीच में होता रहा और लोगों की उम्मीदों को अधिकारियों ने बनाए रखा।
कटनी जिले में सोने का उत्खनन फिर शुरू किया जाएगा, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वे में धरती के अंदर सोने के भंडार की अपार संभावना जताई गई है। यदि सर्वे के मुताबिक खनन होता है तो सोने का खनन होने वाला ये MP का पहला जिला होगा, इसके साथ ही साथ ही प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला भी बन जाएगा. वही बता दें कि सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील के चकरिया को सोना निकलने के लिए चिन्हित किया जा चुका है। हालांकि अभी तक खदानों की नीलामी नहीं हो पाई है। जीएसआई सर्वे में जिले के चितरंगी क्षेत्र के चकरिया में गोल्ड ब्लॉक के रूप में चिन्हित किया है।
चितरंगी क्षेत्र के चकरिया में सर्वे
चितरंगी क्षेत्र के चकरिया में सर्वे के मुताबिक लगभग 40 से 50 किलोग्राम सोना होने का अनुमान लगाया गया है, इसकी वास्तविक मात्रा का पता खनन होने के बाद ही बताया जा सकता है। अनुमान से ज्यादा तादात में भी सोना हो सकता है, साथ ही अन्य धातुओं के होने की बात भी मानी जा रही है।
इमलिया में दो स्थानों पर
कटनी जिले मे जीएसआई के अधिकारियों ने इमलिया में दो स्थानों पर 135 और 295 मीटर तक निकाले गए खनिज के सैंपल को जांच के लिए नागपुर स्थिति सेंट्रल इंडिया के मुख्यालय भेजा था, सोने की शुद्धता लगभग 65 प्रतिशत बताई गई थी। कटनी जिले में सोने के अलावा तांबा, जमीन, जस्ता, चांदी और अन्य धातुएं मिलने की भी संभावना है। हालांकि टीम दोबारा सर्वे करने आएगी। ताकि अधिक सटीक जानकारी एकत्र की जा सके। तो वही singrauli जिले मे गोल्डब्लॉक में 23.7 हेक्टेयर क्षेत्र को रिजर्व किया गया और इसी क्षेत्र में सोने के होने का अनुमान है।
17 साल पहले शुरू हुई थी सोने की खोज
इमलिया क्षेत्र में सोने की खोज करीब 17 साल पहले शुरू हुई थी। यहां सर्वे कर खनिजों की संभावना पर काम शुरू किया गया है और यह काम बीच-बीच में होता रहा और लोगों की उम्मीदों को अधिकारियों ने बनाए रखा।जिस पर आखिरकार दस्तखत कर दिए गए। और सभी अटकलों पर विराम लग गया। इसके लिए सिंगरौली के चकरिया गोल्ड ब्लॉक में 8.51 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है। यहां के अयस्क से करीब 65 किलो सोना निकाले जाने की उम्मीद है।