Gold price in india सोने की आपूर्ति करने वाले बैंकों ने चीन, तुर्की और अन्य बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रमुख त्योहारों से पहले भारत में शिपमेंट में कटौती की है। इन बैंकों का कहना है कि उन्हें चीन, तुर्की जैसे देशों में सोने पर बेहतर प्रीमियम मिलता है। तीन बैंक अधिकारियों और दो वॉल्ट ऑपरेटरों ने रॉयटर्स को ये जानकारी दी।
भारत को सोने की सप्लाई में कटौती से भारतीय बाजार में सोने की कमी का संकट पैदा हो सकता। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट है। अगर भारतीय बाजार में सोने की सप्लाई सही से नहीं आती है तो भारतीय खरीदारों को इस त्योहारी सीजन में सोने की खरीद पर भारी प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो सोना और महंगा हो सकता है।
सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि आईसीबीसी स्टैंडर्ड बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड भारत के प्रमुख सोने के आपूर्तिकर्ता हैं। यह आपूर्तिकर्ता आमतौर पर त्योहारों से पहले अधिक सोने का आयात करते हैं और अपनी तिजोरियों (वॉल्ट) को भरकर रखते हैं। लेकिन अब इनकी तिजोरियों में सोने का 10% से भी कम हिस्सा बचा है। ये वही सोना है जो उन्होंने एक साल पहले आयात किया था। मुंबई के एक वॉल्ट अधिकारी ने कहा, “आदर्श रूप से साल के इस समय के दौरान कुछ टन सोना तिजोरियों में होना चाहिए। लेकिन अब हमारे पास केवल कुछ किलो ही बचा है।” जेपी मॉर्गन, आईसीबीसी और स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने फिलहाल इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
भारत में सोने का भाव पिछले साल इस समय इसकी अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमत से करीब 4 डॉलर अधिक था, जो अब घटकर 1 से 2 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। जबकि सोने के सबसे बड़े मार्केट चीन में सोने पर प्रीमियम 20-45 डॉलर है। चीन में COVID लॉकडाउन के बाद भी सोने की मांग जारी रही। वहीं तुर्की में सोने पर प्रीमियम 80 डॉलर प्रति औंस है। तुर्की में बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति के चलते सोने के आयात में तेजी से वृद्धि हुई है।