राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों के आग्रह पर कोविड-संबंधित पॉलिसी पर चर्चा के लिए शुक्रवार को GST Council की 43वीं बैठक हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। 7 महीने के बाद हुई GST Council की इस बैठक में कोविड महामारी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और इसमें 7 अहम फैसले लिए गए। इनमें सबसे अहम फैसला ये हुआ कि राज्यों को विदेश से कोविड रिलेटेड मेडिकल इक्विपमेंट्स पर आयात में छूट देने पर केन्द्र ने सहमति जताई। तो चलिए देखते हैं क्या फैसले हुए –
फ्री कोविड रिलेटेड सप्लाई पर IGST में 31 अगस्त तक छूट देने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक्सपोर्ट में छूट दी गई कैटेगरी में ब्लैक फंगस की दवा Amphotericin B भी शामिल है।
केंद्र सरकार राज्यों को GST कम्पेंसेशन के रूप में राज्यों को 1.58 लाख करोड़ रुपये लोन देगी।
कोविड रिलेडेट मेडिकल इक्विपमेंट्स पर GST रेट कम करने पर चर्चा हुई। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इन पर विचार करेगी और 8 जून को इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
जून 2022 के बाद के GST काउंसिल कम्पेंशेसन सेस पर चर्चा के लिए एक स्पेशल सेशन बुलाएगी।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी एनुअल रिटर्न फाइलिंग ऑप्शनल रहेगा, जो 2 करोड़ रुपये से कम टर्मओवर वाले छोटे टैक्सपेयर्स के लिए उपलब्ध होगा।
छोटे टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए amnesty scheme का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि लेट फीस से राहत मिले। इससे करीब 89% GST टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।
जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि इनवर्जन ड्यूटी में कोई बदलाव करने के लिए यह सही समय नहीं है, इसलिए इसे जस का तस छोड़ा जा रहा है।
राज्य सरकारों की क्या थी मांगें?
मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और कोविड टेस्टिंग किट पर लगने वाले GST को 12% से कम करते 5% किया जाए।
पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल ने कोविड से संबंधित मेडिकल इक्विपमेंट्स पर 5 से 12% के बीच GST लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई। इनकी मांग थी कि इन पर GST पूरी तरह खत्म किया जाए।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति लोन की राशि को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के मद में समायोजित किया जाए।
जीएसटी क्षतिपूर्ति देने की अवधि को 5 वर्ष के लिए बढ़ाकर वर्ष 2027 तक किया जाए।
राज्यों के लिए जीडीपी के 4% उधार लेने की सीमा को 5% किया जाए।
1% अतिरिक्त उधार लेने की सीमा को बढ़ाकर 2% किया जाए।
वैक्सीन से टैक्स पूरी तरह हटा दिया जाए। लेकिन, केंद्र सरकार इस पर 5% GST रखने पर अड़ी हुई है।