GST Council Meeting: सोमवार को चंडीगढ़ में देशभर से आए जीएसटी अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें काउंसिल के समक्ष पेश किए जाने वाले एजेंडा के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई। मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी स्लैब में बदलाव के मुद्दे पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। अधिकतर राज्य व यूटी के प्रतिनिधि मौजूदा जीएसटी स्लैब के हक में हैं। बता दें मौजूदा चार जीएसटी स्लैब हैं, इनमें 5%, 12%, 18% और 28% की स्लैब है। इनमें 18% के स्लैब में 480 आइटम हैं, जिनसे GST कलेक्शन का करीब 70% राजस्व आता है। हालांकि इन बिंदुओं पर अंतिम फैसला 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा। बता दें 28 और 29 जून को सुबह 11 बजे केंद्रीय वित्तीय निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है।
क्षतिपूर्ति जारी रखने की मांग
जानकारी के मुताबिक 30 जून को केंद्र सरकार द्वारा विशेष राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की समय-सीमा समाप्त हो रही है। माना जा रहा है कि केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों के प्रतिनिधि क्षतिपूर्ति जारी रखने की मांग कर सकते हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था कि वैट समाप्त करने पर उसकी भरपाई के लिए अगले पांच साल तक क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। साथ ही क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिए तंबाकू, सिगरेट, महंगी बाइक और कार जैसे कई वस्तुओं पर अतिरिक्त सेस लगाए गए। हालांकि क्षतिपूर्ति के नाम पर लिए जाने वाले सेस 30 मार्च 2026 तक जारी रहेंगे।
GST के दायरे में आ सकता है विमान ईंधन
काउंसिल की बैठक में विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला लिया जा सकता है। संभावना है कि सरकार एविएशन टर्बाइन फ्यूल को वस्तु एवं सेवा कर में शामिल कर ले और इस पर 18 फीसदी तक जीएसटी लगा दे। इससे विमान सेवाओं की लागत में कमी आने की संभावना है।
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
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- ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी, लॉटरी और कसीनो पर 28 फीसदी जीएसटी लगना लगभग तय है।
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- टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाई जा सकती हैं।
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- हिमाचल प्रदेश ने रोप-वे पर जीएसटी को 18 से घटाकर 5% करने की मांग की है।
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- टेट्रा पैक पर जीएसटी 12 से 18 फीसदी किया जा सकता है।
- होटल में एक हजार रुपये से कम किराए पर भी GST देना पड़ सकता है।
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- ओस्टोमी उपकरणों जैसे पाउच, बैरियर क्रीम, सिंचाई किट, बेल्ट, माइक्रो-पोर टेप जैसी वस्तुओं पर जीएसटी दर को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया जा सकता है।
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- आर्थोसेस (स्प्लिंट्स, ब्रेसेस, बेल्ट और कैलीपर्स) को भी 5 प्रतिशत के न्यूनतम ब्रैकेट में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।
- कृत्रिम अंग या उससे जुड़ी सभी सेवाओं को 5 फीसद के स्लैब में लाने का प्रस्ताव है।