GST Row: आटा, दाल और अनाज जैसे पैकेटबंद व लेबल वाले खाद्य पदार्थ जीएसटी के दायरे में आ गए है। हालांकि इनकी 25 किलो से अधिक की पैकिंग पर जीएसटी नहीं लगेगा। इससे कम वजन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी संबंधित सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। कहा कि खुदरा व्यापारी 25 किलो से अधिक के पैक में सामान लाकर खुले में बेचे तो जीएसटी नहीं लगेगा। जीएसटी उन प्रोडेक्ट पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद की जा रही है। दही, लस्सी जैसे पदार्थों के लिए सीमा 25 लीटर है। पहले चावल, गेहूं, दालों और आटे पर 5% जीएसटी तब लगता था। जब ये किसी ब्रांड के होते थे। जो सामान पैकेटबंद है और लेबल लगा है, उन पर जीएसटी लगेगा।
वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारण ने बताया
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट्स की एक सीरीज पोस्ट करते हुए कहा कि जीएसटी परिषद ने अपनी 47वीं बैठक में दाल, अनाज, आटा जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की है। हालांकि गलतफहमियां फैली है। तथ्यों को सामने लाने की कोशिश है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने अगले ट्वीट में लिखा, क्या यह पहली बार है, जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से राजस्व एकत्र कर रहे थे। पंजाब ने खरीद टैक्स के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की। उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपए जुटाए।
उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू की गई थी। बाद में केवल उन्हीं वस्तुओं पर टैक्स लगाने के लिए संशोधित किया गया, जो पंजीकृत ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची गई थीं। जिस पर आपूर्तिकर्ता द्वारा लागू करने योग्य अधिकार नहीं छोड़ा गया था।