Guideline for Children Treatment सरकार ने बदले बच्चों और किशोरों के इलाज की गाइडलाइंस, जारी किए ये नए नियम

सरकार ने बदले बच्चों और किशोरों के इलाज की गाइडलाइंस, जारी किए ये नए नियम

Guideline for Children Treatment: बच्चों और किशोरों में कोरोनावायरस का इलाज कैसे किया जाए, इसे लेकर सरकार ने अपनी गाइडलाइंस (Government New Guideline for Children Coronavirus Treatment) में बदलाव किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चों के इलाज में सरकार ने साफ कर दिया है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को इस्तेमाल न किया जाए. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन से दी जाती है.

बच्चों को न लगाएं मोनोक्लोनल का इंजेक्शन

सरकार के मुताबिक कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित हुए व्यक्ति का टेस्ट पॉजिटिव आने के पहले दिन ही इंजेक्शन के जरिए कोरोनावायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी दे दी जाती है. भारत में कई वयस्कों में यह इलाज किया जा रहा है लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि बच्चों में इस तकनीक से इलाज ना हो.

स्टेरॉयड देने में बरतें सतर्कता 

इसके अलावा बच्चों में steroid का यूज करते वक्त सतर्क रहने की सलाह दी गई है. गाइडलाइंस के मुताबिक बच्चों में अगर स्टेरॉयड दिए जाएं तो 10 से 14 दिन की अवधि में उन्हें धीरे-धीरे कम करके बंद कर देना चाहिए.

कैसे करें बच्चों का इलाज 

होम आइसोलेशन में रहने वाले बच्चों को कोई भी दवा देने की जरूरत नहीं है. उन्हें पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देने की सलाह दी गई है. अस्पताल में भी ऐसे बच्चों में पर्याप्त तरल पदार्थ दिए जाने की सलाह दी गई है.

बुखार में दे सकते हैं पेरासिटामोल

ऐसे बच्चे जिन्हें कोरोना (Coronavirus) के हल्के लक्षण हैं, उन्हें बुखार होने पर पेरासिटामोल दिए जाने की सलाह दी गई है. यह दवा 4 से 6 घंटे पर जरूरत के हिसाब से रिपीट की जा सकती है. अगर बच्चे को टेस्ट कराने पर बैक्टीरियल इनफेक्शन निकले, तभी उन्हें एंटीबायोटिक दवाएं देने की सलाह दी गई है अन्यथा नहीं.

ऐसे बच्चे जिनमें घर में रहने पर ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 से कम हो जाए और उनके दिल की धड़कन या सांस की गति तेज चल रही हो या फिर उन्हें कोई और बीमारी हो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी गई है.

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