Gujarat Accident: गुजरात के भरूच जिले में सोमवार को एक रासायनिक कारखाने में आग लगने से हुए विस्फोट में 6 श्रमिकों की मौत हो गई। घटना अहमदाबाद से करीब 235 किलोमीटर दूर दहेज औद्योगिक क्षेत्र स्थित यूनिट में तड़के करीब तीन बजे हुई। भरूच पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने बताया, छह पीड़ित एक रिएक्टर के पास काम कर रहे थे, जिसमें साल्वेंट डिस्टिलेशन प्रोसेस के दौरान अचानक विस्फोट हो गया।
उन्होंने कहा, ‘रिएक्टर में विस्फोट से कारखाने में आग लग गई। रिएक्टर के पास काम करने वाले सभी छह लोगों की मौत हो गई। बाद में शवों को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। आग पर भी काबू पा लिया गया।’ घटना में कोई और घायल नहीं हुआ है।
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फिर विदेश यात्रा पर जाने की तैयारी में राहुल गांधी, उठे सवाल
पांच राज्यों के हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस मुश्किलों का सामना कर रही है। इसके बावजूद राहुल गांधी इसी महीने विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्हें हाल ही में विदेश यात्रा पर जाना था, लेकिन यात्रा स्थगित कर दी गई थी। अब इसी महीने विदेश जाने का कार्यक्रम है। राहुल की यह यात्रा इस साल गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव होने से कुछ महीने पहले हो रही है। इससे पहले भी चुनावों से ठीक पहले की अपनी विदेश यात्राओं के कारण राहुल गांधी विरोधियों के निशाने पर रहे हैं।
भारत के पास पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं 217 अंतरिक्ष पिंड
भारत के पास पृथ्वी की कक्षा में 103 सक्रिय या निष्क्रिय अंतरिक्ष यान और 114 पिंड हैं, जिन्हें “अंतरिक्ष मलबे” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारत ने अंतरिक्ष से ऐसे मलबे को कम करने के लिए अनुसंधान शुरू किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद को बताया, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सक्रिय मलबे (एडीआर) को हटाने की संभावना और प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने के लिए अनुसंधान शुरू किया है। नासा द्वारा मार्च में जारी “आर्बिटल डेबरिस क्वार्टरली न्यूज” के अनुसार, भारत के पास 103 अंतरिक्ष यान थे, जिनमें सक्रिय और निष्क्रिय उपग्रह शामिल थे। 114 अंतरिक्ष मलबे में उपयोग किए जा चुके राकेट भी शामिल थे। इस तरह देश के पास कुल 217 अंतरिक्ष पिंड पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष मलबे की वृद्धि को रोकने के लिए सक्रिय मलबा हटाना (एडीआर) एक प्रमुख तरीका है। यह एक बहुत ही जटिल तकनीक है। इसमें नीतिगत और कानूनी मुद्दे शामिल हैं।