Gupt Navratri 2022 Fasting Rules: हिंदू संवत्सर 2079 में आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के अवसर पर गुरुवार से गुप्त नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। देवी मंदिरों में माता के 10 रूपों यानी 10 महाविद्याओं की पूजा की जाएगी। गुप्त नवरात्र पर घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह सूर्योदय के दौरान 5.26 से 6.43 बजे तक कुल एक घंटा सात मिनट तक ही है। माता के भक्त अपने घर और मंदिरों में पुजारीगण इसी शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करेंगे।
माघ और आषाढ़ में मनाते हैं गुप्त नवरात्र
रायपुर के जेल रोड स्थित चामुंडा देवी मंदिर के पुजारी संजय जोशी के अनुसार एक साल में चार नवरात्र पर देवी पूजा की जाती है। इनमें से चैत्र और आश्विन मास की नवरात्र में देवी मंदिरों के अलावा घर-घर में घटस्थापना की जाती है। इसके अलावा माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाते हैं। गुप्त नवरात्र में देवी दुर्गा के अनन्य भक्त गुप्त रूप से देवी की तांत्रिक पूजा, मंत्र सिद्धि के लिए पूजा करते हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं की मनोकामना जोत प्रज्ज्वलित नहीं की जाती, केवल मंदिर प्रबंधन के नेतृत्व में घट स्थापना और जोत प्रज्ज्वलन किया जाता है
पांच योगों का संयोग
30 जून को प्रारंभ हो रही गुप्त नवरात्र में पांच योगों का संयोग बन रहा है। इन संयोगों में गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, आडल और विडाल योग के संयोग में देवी पूजन करना शुभ होगा। 30 जून से लेकर आठ जुलाई तक तिथि का क्षय नहीं होने से पूरे नौ दिन तक नवरात्र पूजा की जाएगी।