Gust Teacher अतिथि शिक्षक रहकर बीएड करने वालों को हाई कोर्ट जबलपुर ने कहा अयोग्य?, आखिर क्यों
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यह बताने के लिए कहा कि उच्च शिक्षक भर्ती की चयन परीक्षा में चयनित होने के बावजूद अतिथि शिक्षक रहते हुए बीएड करने वाले उम्मीदवारों को क्यों अयोग्य घोषित किया गया?
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया है। कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि याचिकाकर्ता का नाम मेरिट मे होने की दशा में शिक्षक की एक सीट रिक्त रखी जाए।
परिणाम आने के बाद अधिसूचना जारी की: राजगढ़ जिले के ब्यावरा निवासी किशोर कुमार वर्मा की ओर से याचिका दायर की गई।
अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग के तहत शिक्षक भर्ती परीक्षा दी। परीक्षा का परिणाम 28 अगस्त 2019 को घोषित हुआ। वह ओबीसी अतिथि शिक्षक वर्ग की प्रावीण्य सूची में था।
चयन प्रक्रिया में दस्तावेज सत्यापन के वक्त अचानक 23 जून, 2020 को चयन के लिए बनाए गए नियम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी गई। बदले हुए नियमों के तहत दो जुलाई, 2020 को आदेश जारी कर कहा गया कि अतिथि शिक्षक रहते हुए बीएड करने वालों को चयन प्रक्रिया के अयोग्य समझा जाएगा। ऐसे उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
अधिवक्ता तिवारी ने तर्क दिया कि चयन प्रक्रिया के बीच इस तरह से नियमों में बदलाव नही किया जा सकता। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए आग्रह किया कि उक्त नोटिफिकेशन व इसके तारतम्य में जारी किया गया आदेश निरस्त किया जाए।
प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने 12 अक्टूबर, 2020 को राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था। नोटिस का जवाब पेश करने के लिए गुरुवार को कोर्ट से समय मांगा गया।