Hanuman Jayanti 2021: इस बार हनुमान जयंती पर त्रिवेणी संगम बन रहा है। इस बार पूर्णिमा के साथ साथ इस दिन स्वाति नक्षत्र भी है और मंगलवार भी।
मंगलवार के दिन ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस त्रिवेणी संयोग के कारण यह हनुमान जयंति और भी महत्वपूर्ण हो गई है। मंगलवार को पूरे हर्षोल्लास से हनुमान जयंती मनाई जाएगी। लोग घरों में राम भक्त हनुमान की पूजा करेंगे और मंदिरों में अंजनी पुत्र-केसरी नंदन की आराधना की जाएगी। कहीं स्वर्ण आभूषणों से महावीर का श्रृंगार होगा तो कहीं विशेष अनुष्ठान कर मारूतिनंदन का स्मरण किया जाएगा।
आचार्य राजेश शर्मा के अनुसार इस बार भक्त मंदिर में हनुमानजी की पूजा करने नहीं जा सकेंगे पर वे घर में ही पूजा कर प्रभु का आशीष प्राप्त कर सकते हैं। घरों में सूर्योदय के समय हनुमानजी की आरती करें क्योंकि सूर्योदय के समय ही हनुमानजी का जन्म समय माना गया है। इस बार स्वाति नक्षत्र और मंगलवार भी साथ में होने से हनुमान जयंती का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि हनुमानजी का जन्म मंगलवार को ही हुआ था।
घर में ही हनुमानजी की पूजा करें। यदि हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर नहीं है तो सुपारी को हनुमानजी का प्रतीक मानकर पूजा करें। हनुमानजी को बूंदी, चने प्रिय हैं लेकिन इस बार दुकानें बंद हैं। चने के अभाव में घर में ही काले चने नमकीन बनाकर भी भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा गुड़ का रोट, फल का भी भोग लगाया जा सकता है। हनुमान चालिसा, राम रक्षास्त्रोत का पाठ विशेष फलदायी होगा।
सुबह जन्मोत्सव आरती औ रात को अभिषेक
करीब 132 वर्ष पुराने रणजीत हनुमान मंदिर में सोमवार की रात से ही विशेष अनुष्ठान का सिलसिला शुरू हो गया। सोमवार की रात विशेष अभिषेक कर प्रभु का श्रंृगार किया गया। मुख्य पुजारी पं. दिपेश व्यास ने बताया कि मंगलवार की सुबह 6 बजे जन्मोत्सव अारती होगी अौर रात 10 बजे दुबारा अभिषेक कर श्रृंगार किया जाएगा। बुधवार की सुबह 6 बजे 108 दीपों से बाबा की कांकड अारती की जाएगी। यह अारती वर्ष में केवल हनुमान जयंती के दूसरे दिन ही होती है। इस बार बाबा के दर्शन भक्तों को इंटरनेट मीडिया के जरिए कराए जाएंगे।
स्वर्ण से होगा स्वयंभू बाबा का श्रृंगार
शहर के पशि्चमी क्षेत्र सि्थत वीर बगीची में करीब 400 वर्ष पूर्व स्थापित की गई हनुमान प्रतिमा है। करीब 5 फिट बड़ी यह प्रतिमा स्वयंभू मानी जाती है। मान्यता है कि यह प्रतिमा खजूर के पेड़ से निकली थी। मंदिर के महंत पवनानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि सोमवार को महावीर का 11 ब्राह्मणों ने अभिषेक किया। मंगलवार की सुबह 6 बजे जन्मोत्सव आरती की जाएगी। इस दिन बाबा का 15 ग्राम सोने की वर्क से श्रृंगार होगा । उन्हें स्वर्ण निर्मित कंठा, हसली और मुकुट पहनाया जाएगा। शाम 7 बजे महाभोग लगाकर महाआरती की जाएगी। इस बार मंदिरों में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित है इसलिए फेसबुक पेज वीर बगीची हनुमान मंदिर के जरिए प्रभु के दर्शन कराए जाएंगे। विद्याधाम में सुबह 5 बजे षोडशोपचार पूजा के बाद सुबह 6 बजे जन्म आरती की जाएगी। रात 8 बजे सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा।