High Court: जिस लड़की का मासिक धर्म शुरू हो चुका, शरिया कानून में नाबालिग होते हुए भी शादी योग्य
High Court: जिस लड़की का मासिक धर्म शुरू हो चुका, शरिया कानून में नाबालिग होते हुए भी शादी योग्य
High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि इस्लामी शरिया कानून के तहत 15 वर्षीय लड़की विवाह योग्य है। अदातल ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी की वैधता को बरकरार रखते हुए बाल विवाह को उचित ठहराया है। अदालत ने कहा कि 18 साल से कम की मुस्लिम लड़की का मासिक धर्म शुरू हो चुका है तो वह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार किसी से भी शादी करने के लिए स्वतंत्र है।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि नाबालिग मुस्लिम लड़की न केवल अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है बल्कि 18 साल से कम उम्र में भी अपने पति के साथ रह सकती है। अदालत ने मार्च 2022 में इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने वाले एक मुस्लिम जोड़े को सुरक्षा प्रदान करते हुए यह टिप्पणी की। दंपति ने यह सुनिश्चित करने के लिए याचिका दायर की थी कि कोई उन्हें अलग न करे।
नाबालिग लड़की के माता-पिता द्वारा शादी का विरोध करने और पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दंपति ने अदालत में याचिका दायर की थी। इसके बाद मामले में धारा 376 और धारा 6 पॉक्सो लगा दी गई। लड़की ने अदालत को बताया कि उसके माता-पिता द्वारा उसे नियमित रूप से पीटा गया और उसने अपनी मर्जी से भागकर शादी की है।