Himachal Poll Results: पहाड़ का दस्तूर बनाए रखने में तुरुप का इक्का बनी पुरानी पेंशन! निर्दलीयों पर दरोमदार

Himachal Poll Results: पहाड़ का दस्तूर बनाए रखने में तुरुप का इक्का बनी पुरानी पेंशन! निर्दलीयों पर दरोमदार

Himachal Poll Results: पहाड़ का दस्तूर बनाए रखने में तुरुप का इक्का बनी पुरानी पेंशन! निर्दलीयों पर दरोमदार हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों की गिनती के रूझानों में कांग्रेस पार्टी आगे निकल रही है। कांग्रेस पार्टी 39 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि भाजपा का ग्राफ 26 के आसपास है। पहाड़ का वह दूस्तर, जिसमें यहां के लोग हर पांच साल में सत्ता बदलते रहे हैं, इस बार जारी रहने की उम्मीद है। पहाड़ का ‘दस्तूर’ बनाए रखने में ‘पुरानी पेंशन’, ‘तुरुप का इक्का’ साबित होती हुई दिख रही है। खास बात ये है कि तीन सीटों पर जहां निर्दलीय प्रत्याशी आगे चल रहे हैं, वे भी कांग्रेस की तरफ जा सकते हैं। वजह, उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को यह भरोसा दिलाया था कि उन्हें जीत हासिल होती है तो वे उस दल का समर्थन करेंगे, जो प्रदेश के सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करेगा।

भाजपा से बगावत करने के बाद केएल ठाकुर ने नालागढ़ से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी, चुनाव लड़ा है। वोटों की गिनती में वे आगे चल रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद वे किस दल में शामिल होंगे, उन्होंने पहले ही यह इशारा कर दिया था। ठाकुर ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, जो दल पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करेगा, वे उसी पार्टी को समर्थन देंगे। डेरा विधानसभा सीट से पूर्व भाजपाई होशियार सिंह, आगे चल रहे हैं। अगर उन्हें जीत हासिल होती है तो वे भी कांग्रेस की तरफ जा सकते हैं। हालांकि जब एग्जिट पोल में ‘अन्य’ के खाते में 5-6 सीटें मिलती दिखी तो भाजपा और कांग्रेस के ‘बागियों’ को वापस लौटने का ऑफर मिलने लगा। उन्हें भरोसा मिलने लगा कि वे जीते तो उनकी सारी गलतियां माफ कर दी जाएंगी।

देहरा सीट ने निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह ने भी वोट मांगते वक्त पुरानी पेंशन का जिक्र किया था। हमीरपुर सीट से आगे चल रहे निर्दलीय प्रत्याशी आशीष शर्मा, भी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं। शर्मा ने भी अपने चुनाव प्रचार में सरकारी कर्मियों का समर्थन लेते वक्त कहा था कि वे पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रयास करेंगे। चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की बात कही थी। उसके बाद यह मुद्दा, अधिकांश सीटों पर भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गया।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक अनौपचारिक बातचीत में पुरानी पेंशन को एक बड़ा मुद्दा बताया था। उन्होंने कर्मियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारी भरोसा चाहते थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वह भरोसा नहीं दे सके। कांग्रेस पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा, सरकारी कर्मियों से जो वादा किया गया है, उसे पूरा किया जाएगा। इससे पहले कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन लागू की है।

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