प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान से एक रैली को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने देशभर में नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हो रही हिंसा, एनआरसी, मुसलमान, विपक्ष, अर्बन नक्सल से लेकर हर मुद्दे पर अपनी बात रखी। विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह देशभर मे झूठ फैला रहे हैं। ये लोग सीएए को गरीबों के खिलाफ ही बता रहे हैं, कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक छीन लेंगे। कम से कम झूठ फैलाने से पहले गरीबों पर दया करो भाई। उन्होंने कहा कि आपको मोदी का विरोध करना है तो कीजिए लेकिन देश की संपत्ति को नुकसान मत पहुंचाइये।प्रधानमंत्री ने नागरिकता कानून को लेकर लोगों से देश की संसद, लोकसभा, राज्यसभा और चुने हुए प्रतिनिधियों का सम्मान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये आपने पिछले हफ्ते भी देखा है। जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कहीं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया में डालकर भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है।’
किसी योजना के लाभार्थी से उसका धर्म नहीं पूछा
प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह-तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं, लोगों को भ्रमित कर रहे हैं, भावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं, क्या जब हमने दिल्ली की सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया, तो किसी से पूछा क्या कि आपका धर्म है, आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी के समर्थक हैं। उज्जवला योजना के लाभार्थियों से हमने पहले उनका धर्म नहीं पूछा। विपक्ष भेदभाव साबित करे।
मोदी का विरोध करो गरीब की झोपड़ी मत जलाओ
नागरिकता कानून का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिसे लेकर प्रधानमंत्री ने रैली में कहा, ‘मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं कि मोदी को देश की जनता ने बैठाया, ये अगर आपको पसंद नहीं है, तो आप मोदी को गाली दो, विरोध करो, मोदी का पुतला जलाओ, जिन्हें मेरा विरोध करना है वे मेरे पुतले पर जूते मारें लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओं, गरीब का रिक्शा मत जलाओं, गरीब की झोपडी मत जलाओ।’
पुलिसवाले धर्म पूछकर नहीं करते मदद
प्रधर्शन के दौरान लोग पुलिसवालों पर हमला कर रहे हैं। इसे लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पुलिस वालों को अपनी ड्यूटी करते समय हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। जिन पुलिसवालों पर ये लोग पत्थर बरसा रहें हैं, उन्हें जख्मी करके आपको क्या मिलेगा? आजादी के बाद 33 हजार से ज्यादा पुलिसवालों ने, शांति के लिए, आपकी सुरक्षा के लिए शहादत दी है। जब कोई संकट या मुश्किल आती है तो ये पुलिस न धर्म पूछता है न जाति पूछता है, न ठंड देखता है न बारिश देखता है और आपकी मदद के लिए आकर खड़ा हो जाता है।’
नरेंद्र मोदी – फोटो : ANI
शांति के लिए एक शब्द बोलने को नहीं हैं तैयार
विपक्ष पर हमला बोलते हुए रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये लोग उपदेश दे रहे हैं, लेकिन शांति के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं हैं, हिंसा रोकने के लिए एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं है। इसका मतलब है कि हिंसा को, पुलिस पर हो रहे हमलों को आपकी मौन सहमति है। ये देश देख रहा है। झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वाले इन लोगों को पहचानने की जरूरत है। ये दो तरह के लोग हैं। एक वो लोग जिनकी राजनीति दशकों तक वोट बैंक पर ही टिकी रही है। दूसरे वो लोग जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है। वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले, आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं, तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटों, भेद करो और राजनीति का उल्लू सीधा करो।’
मुस्लिमानों को नहीं भेजा जाएगा डिटेंशन सेंटर
नागरिकता संशोधन कानून भारत के किसी नागरिक के लिए, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, के लिए है ही नहीं। ये संसद में बोला गया है। ये कानून का इस देश के अंदर रह रहे 130 करोड़ लोगों से कोई वास्ता नहीं है। कांग्रेस और उसके साथी, शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली- अर्बन नक्सल, ये अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। कुछ तो अपनी शिक्षा की कद्र करिए। एक बार पढ़ तो लीजिए नागरिकता संशोधन एक्ट है क्या? अब भी जो भ्रम में हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर की अफवाह सरासर झूठ हैं। जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है।
झूठ फैलाने से पहले गरीबों पर दया करो
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग सीएए को गरीबों के खिलाफ ही बता रहे हैं, कह रहे हैं कि जो लोग आएंगे वो यहां के गरीबों का हक छीन लेंगे। अरे झूठ फैलाने से पहले कम से कम गरीबों पर तो दया करो भाई। ये एक्ट उन लोगों पर लागू होगा जो बरसों से भारत में ही रह रहे हैं। किसी नए शरणार्थी को इस कानून का फायदा नहीं मिलेगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना की वजह से आए लोगों को सुरक्षा देने के लिए ये कानून है।
वहां बेटियों के साथ होता है अत्याचार
शरणार्थियों को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं। पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं उसमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं। वहां आज भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार होता है। वहां बेटियों के साथ अत्याचार होता है, जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। ये इसलिए किया जाता है कि उनकी आस्था, पूजा पद्धति अलग है। ऐसे शोषण के कारण ही वो भारत आए और देश के अलग अलग कोनों में रह रहे हैं।