Honeytrap Case। मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा देने वाले हनीट्रैप केस की मुख्य आरोपित श्वेता विजय जैन को जेल से छुटते ही भाई कार से ले गया। रिहाई के बाद श्वेता केस से अनजान बनी रही और कहा मुझे समझ में नहीं आ रहा इस केस को हनीट्रैप क्यों बनाया। न्याय पालिका पर भरोसा है और लड़ाई जारी रखेगी।
ढाई साल पूर्व श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, बरखा व अन्य को पलासिया पुलिस ने इंजीनियर हरभजनसिंह की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। आरोपित महिलाएं इंजीनियर से तीन करोड़ रुपयों की मांग कर रही थी। बाद में इन पर मानव तस्करी का आरोप भी लगा और मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। श्वेता को शुक्रवार रात जेल से रिहा कर दिया गया। उसे भोपाल से भाई लेने आया था।
श्वेता ने खुद को बेकसुर बताया और कहा इस केस को हनीट्रैप क्यों बनाया यह समझ में नहीं आ रहा। उसने कहा कि न्याय पालिका पर भरोसा है और लड़ाई जारी रखेगी। गौरतलब है कि एक दिन पूर्व आरती दयाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। आरती ने भी हनीट्रैप से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उसके खिलाफ एक भी साक्ष्य नहीं है।