IAS Tapasya Parihar पिता को कन्यादान से रोका IAS तपस्या ने, कारण सुनकर आप भी कहेंगे वाह

IAS Tapasya Parihar पिता को कन्यादान से रोका IAS तपस्या ने, कारण सुनकर आप भी कहेंगे वाह

IAS Tapasya Parihar मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में 12 दिसंबर को नरसिंहपुर निवासी 2018 बैच की आइएएस तपस्या परिहार Tapasya Parihar का विवाह आइएफएस गर्वित गंगवार के साथ हुआ। इस विवाहोत्सव में तपस्या ने सभी को हैरान कर देने वाला कदम उठाया। पिता जब उनका कन्यादान करने पहुंचे तो उन्होंने पिता को रोक दिया। बोलीं कि मैं दान की चीज नहीं, आपकी बेटी हूं पापा। उनके इस निर्णय की अब सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।

तपस्या के इन शब्दों ने एक पल के लिए घराती व बराती सभी को अचरज में डाल दिया। लेकिन सभी को जब इसका मर्म समझ में आया तो सभी की आंखें नम हो गईं। वाक्या कुछ यूं था कि लगन के अंतिम चरण में जब पिता विश्वास परिहार कन्यादान करने की रस्म करने लगे तो बेटी तपस्या ने ये कहकर उन्हें रोक दिया कि -‘पापा मैं आपकी बेटी हूं और हमेशा रहूंगी। मैं कोई दान की चीज नहीं हूं।” कहा कि जब दो परिवार एक हो रहे हैं, तो ऐसे में दान की कोई बात ही नहीं आनी चाहिए। ये शब्द सुनकर पिता भी भावविभोर हो उठे, उन्होंने बेटी को गले लगा लिया। ये नजारा इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद हर किसी की आंखें छलक उठीं। दूल्हा बने गर्वित गंगवार ने भी अपनी भावी पत्नी की भावनाओं का सम्मान किया।

कन्यादान बेटियों को उनके अधिकारों से वंचित करने की रस्म

आइएएस तपस्या के पिता विश्वास परिहार ने बेटी के इस कदम का मर्म समझाते हुए कहा कि कन्यादान जैसी रस्में समाज में पुरुष प्रधानता को स्थापित करने वाली हैं। इस तरह की रस्में अमूमन बेटियों का अधिकार उनके घर से छीन लेती हैं।

तपस्या का कहना है कि शादी के बाद पति की उम्र बढ़ाने के लिए महिला को मंगलसूत्र, बिछिया पहनना पड़ता है, मांग भरनी पड़ती है। तपस्या की एक पीड़ा ये भी है कि शादी के बाद सरनेम भी हमारा(लड़कियों का) ही बदलता है। उनका कहना है कि ये सारी चीजें उन्हें शुरुआती जीवन से ही पसंद नहीं थीं। इसलिए उन्होंने अपना कन्यादान नहीं होने दिया

Exit mobile version