IND vs AUS 1st Test भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ढाई दिन में हरा कर नया रिकॉर्ड बना लिया। पहली बड़ी चुनौती और उसमें ही शानदार सफलता. टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के लिए नागपुर टेस्ट कुछ ऐसा ही रहा. पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी कर रहे रोहित ने नागपुर में अपने बल्ले के अलावा अपनी कप्तानी से भी टीम को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. मैच के बाद कप्तान रोहित ने टीम की जीत के लिए अपने गेंदबाजों को तो श्रेय दिया ही, उन्होंने टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली का भी जिक्र किया और कहा कि कोहली की कप्तानी के दिनों से उन्होंने कुछ अहम बातें सीखीं और उन्हें ही यहां लागू किया.
शनिवार 11 फरवरी को टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को एक पारी और 132 रन से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जोरदार शुरुआत की. टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी 400 रन पर खत्म करने के बाद ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को सिर्फ एक सेशन के अंदर 91 रन पर निपटा दिया. टीम के लिए दूसरी पारी में रविचंद्रन अश्विन ने 5 विकेट लिए, जबकि रवींद्र जडेजा को भी 2 विकेट मिले. जडेजा ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे.
बल्ले से भी चमके रोहित
भारतीय कप्तान ने इस मुकाबले में अपने बल्ले का भी कमाल दिखाय था और भारतीय पारी में सबसे ज्यादा रन बनाए. जिस पिच पर ऑस्ट्रेलिया के सभी बल्लेबाज और टीम इंडिया के भी कुछ बल्लेबाज संघर्ष करते दिखे, उस पर रोहित ने एक मंझी हुई पारी खेलते हुए 120 रन बनाए, जो टेस्ट कप्तान के रूप में उनका पहला शतक था.
विराट की कप्तानी से मिली सीख
मैच के बाद रोहित ने अपनी कप्तानी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कोहली को भी श्रेय दिया. रोहित ने कहा कि उन्होंने कोहली की कप्तानी में सीखा था कि स्पिनरों की मदद से दबाव बनाए रखना जरूरी है, चाहे मैच की स्थिति कुछ भी हो. भारतीय कप्तान ने कहा,
जब विराट कप्तान थे, तब मैंने एक बात पर ध्यान दिया था कि चाहे हमें विकेट मिले या न मिले, दबाव लगातार बनाए रखना जरूरी है ताकि विपक्षी टीम गलती करे. विराट की कप्तानी में जब ये (भारतीय स्पिनर) गेंदबाजी करते थे, तो ये बात मैंने सीखी. अब मैं भी यही करने की कोशिश करता हूं.
रोहित शर्मा के कप्तान बनने से पहले विराट कोहली ही तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान थे, जिसमें खास तौर पर टेस्ट क्रिकेट में वह भारत के सबसे सफल कप्तान रहे.
‘हमेशा विकेट नहीं मिलते’
रोहित ने साथ ही कहा, दबाव बनाए रखो और हर गेंद पर विकेट की उम्मीद मत करो, ऐसा होने नहीं वाला, ऐसा कुछ नहीं होगा. हमें इसके लिए कोशिश करनी होगी, गेंद को सही जगहों पर डालना होगा और पिच को अपनी मदद करने देनी होगी.