पढ़िए उनकी कहानी…
हसन सफ़ीन, सबसे कम उम्र के आईपीएस
हसन अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए कहते हैं, कि जब पढ़ाई के लिए पैसे कम पड़ने लगे तो मां नसीम बानो ने रेस्टोरेंट व विवाह समारोह में रोटी बेलने का काम किया। वे पिता मुस्तफा के साथ हीरे की एक यूनिट में थीं, हालांकि कुछ सालों बाद माता-पिता दोनों की वो नौकरी चली गई। फिर, जैसे-तैसे घर का खर्च चलाया। हमें कई रात खाली पेट भी सोना पड़ा। यूपीएससी का पहले अटेंप्ट देते वक्त एक्सीडेंट हो गया था। बावजूद इसके साल 2017 यूपीएससी एग्जाम में 570रैंक हासिल कर की और आईपीएस का सफर तय किया।”
इसलिए सोचा कि आईपीएस ही बनना है
आईपीएस बनने का ख्याल क्यों आया, इसके जवाब में हसन कहते हैं कि जब मैं अपनी मौसी के साथ एक स्कूल में गया था, तो वहां समारोह में पहुंचे कलक्टर की आवभगत व सम्मान देखकर पूछा कि ये कौन हैं और लोग इनका इतना सम्मान क्यों कर रहे हैं? तब मौसी ने मुझे बताया ये आईपीएस हैं, जो जिले के मुखिया होते हैं। यह पद देशसेवा के लिए होता है। तभी से मैं आईपीएस बनने की सोचने लगा।”