Indian Railway: नये नियम के तहत अब बुजुर्गों (Senior Citizen)को ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. क्योंगी रेलवे ने कोरोनाकाल के दौरान दी गई रियायत वापस ले ली है. शीतकालीन सत्र के दौरान खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने यह जानकारी देश की जनता से साझा की. उन्होंने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा है कि COVID महामारी और प्रोटोकॉल के मद्देनजर, रियायत कुछ यात्रियों के सभी वर्गों के किराए में अभी तक फिर से शुरू नहीं किया जाएगा. इसलिए अब कोरोनाकाल के तहत मिलने वाली सभी रियायते वापस ले ली गई है. जिसके चलते अब बुजुर्गों के पहले वाले किराये पर ही रेल यात्रा करनी होगी.
दरअसल, भारतीय रेलवे अभी तक वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) को किराए में रियायत दे रहा था. यह रियायत 20 मार्च 2020 से शुरु की गई थी. अब विभाग ने महामारी और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर, यात्रियों की सभी श्रेणियों (दिव्यांगजन की 4 श्रेणियों, मरीजों और छात्रों की 11 श्रेणियों को छोड़कर) को 20 मार्च 2020 से रियायत वापस ले ली गई है. रेल मंत्री ने कहा कि महामारी COVID प्रोटोकॉल के कारण, चार श्रेणियों के दिव्यांगजनों और 11 श्रेणियों के रोगियों और छात्रों को छोड़कर सभी श्रेणियों के लिए रेलवे की रियायती टिकट सुविधा वापस ले ली गई है.
मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में, सभी वर्गों में रेलवे से यात्रा करने के लिए महिला यात्रियों को 50% और पुरुष यात्रियों को 40% की छूट दी जाती थी. रेलवे द्वारा इस छूट का लाभ उठाने की न्यूनतम आयु सीमा बुजुर्ग महिलाओं के लिए 58 और पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी. साथ ही भारतीय रेलवे वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, खिलाड़ियों, चिकित्सा पेशेवरों आदि के लिए 53 श्रेणियों को रियायतें प्रदान करता है. कुछ रियायतें कोविड -19 महामारी के कारण लोगों को यात्रा करने से डिस्करेज करने के एक कदम के रूप में वापस ले ली गई हैं. नये नियम के तहत अब बुजुर्गों को छूट का लाभ प्राप्त नहीं होगा