indian railway भारतीय रेलवे के कर्मचारियों को बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने सातों जोन से ओवरटाइम, नाइट ड्यूटी और यात्रा के अलावा ईंधन और मेंटेनेंस के लिए मिलने वाले भत्तों की समीक्षा करने को कहा है।
क्या है वजह
न्यूज एजेंसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के त्रिपाठी ने तिमाही समीक्षा बैठक में पाया कि ऑपरेशंस से जुड़े खर्चे काफी अधिक हैं। चालू वित्त वर्ष में मई तक सातों जोन में यह रेलवे के पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 26 प्रतिशत औसत वृद्धि से कहीं ऊपर चला गया है। रेलवे के मुताबिक ऑपरेशंस खर्च को लेकर 2022-23 के लिये कुल बजटीय अनुमान 2.32 लाख करोड़ रुपये है। चूंकि खातों का ऑडिट होना बाकी है, संबंधित आंकड़े अस्थायी हैं।
खर्च कम करने के तत्काल कदम
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान रेलवे बोर्ड ने जोन को अपने खर्च को कम करने के लिये तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया और महाप्रबंधकों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने को कहा। पूर्व रेलवे (ईआर), दक्षिणी रेलवे (एसआर), पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) और उत्तर रेलवे (एनआर) जैसे जोन को किलोमीटर भत्ते को नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
यह भत्ता ट्रेन को संचालित करने वाले कर्मचारियों को दिया जाता है। वहीं दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर), पूर्व-मध्य रेलवे (ईसीआर) और पूर्व तटीय रेलवे (ईसीओआर) को नाइट ड्यूटी भत्ते पर अपने खर्च को कम करने के लिये कहा गया है।