Indian Railway News : रेल प्रशासन अधिक से अधिक माल ढुलाई करने के लिए लगातार नियमों कोे सरल कर रहा है। निजी मालगोदाम संचालक को रेलवे ने कई प्रकार की सुविधा निःशुल्क Free उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। इससे व्यापारी कम किराए में अधिक से अधिक माल भेज सकते हैं। देश के कई शहरों और स्थानों की पहचान औद्योगिक नगरी या क्षेत्र के रूप में है। वहां कुछ कंपनियां मिलकर निजी मालगोदाम बना लेते है और देश के विभिन्न कोने से माल मांगते और भेजते हैं। निजी मालगोदाम लोगों को जमीन की व्यवस्था स्वयं करनी होती है।
मालगोदाम बनाने वालों से अब किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।
रेलवे प्रशासन द्वारा प्राइवेट मालगोदाम तक जाने वाली रेललाइन व विद्युत लाइन के रखरखाव के लिए शुल्क लिया जाता है। माल की लोडिंग व अनलोडिंग के लिए वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों को भेजा जाता है तो इसका भी शुल्क लिया जाता है। रेलवे के मालगोदाम की तुलना में यहां से किराया भी अधिक देना पड़ता है। रेलवे व्यापारियों की सुविधा के लिए शुरू की गई गति शक्ति योजना के तहत निजी मालगोदाम बनाने वालों से अब किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।
रेलवे की जमीन खाली जमीन है तो वह भूमि उपलब्ध करायी जाएगी
जहां निजी मालगोदाम बनाए जा रहे हैं, वहां जमीन कम पड़ती है और रेलवे की जमीन खाली जमीन है तो वह भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। जमीन पर मालिकाना हक रेल प्रशासन का ही रहेगा। इस योजना से माल ढुलाई में प्राइवेट लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और व्यापारी कम खर्च पर अधिक माल की ढुलाई कर सकेंगे। इसके साथ रेल प्रशासन अपने पार्सल मालगोदाम भी प्राइवेट कंपनियों को संचालन के लिए दे रहा है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक पीएस बघेल ने बताया कि निजी मालगोदाम को बढ़ावा देने के लिए गति शक्ति योजना लागू की है। इससे व्यापारियों को लाभ मिलेगा।