indian railways के 30 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 925 CCTV से निगरानी के साथ अवैध E-ticket पर शिकंजा कसा है। घर से भागे बच्चों को वापस घर भेजा गया है।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को रेलवे संपत्ति, यात्रियों और उससे जुड़े मामलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेद्दारी भी उठाते हैं। महिलाओं और बच्चों की संरक्षा और सुरक्षा की ओर अधिक ध्यान देते हुए भारतीय रेलवे और उसके सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल ने देश भर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए हैं।
भारतीय रेल पर यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा में मध्य प्रदेश राज्य विशेष महत्व रखता है। इन्हें जिम्मेदारियों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करने हेतु चौबीसों घंटे सतत कार्य करते हुए रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सराहनीय कार्य किया है। मध्य प्रदेश में वर्ष 2014 से 2022 तक यात्रियों की सुरक्षा की उपलब्धियाँ इस प्रकार है।
“नन्हे फरिश्ते’अभियान के तहत घर से भागे हुए, अपहृत हुए, बिछड़े हुए प्रतिवर्ष औसत 436 बालक एवं बालिकाओं को सुरक्षित उनके परिजनों/ चाइल्ड लाइन को सुपुर्द किया गया।
“मिशन जीवन रक्षा”अभियान के तहत प्रतिवर्ष औसत 20 यात्रियों को बचाते हुए उसके जीवन को सुरक्षित किया गया।
30 प्रमुख स्टेशनों पर 925 आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए हैं।
“ऑपरेशन उपलब्ध” के तहत अवैध रूप से ई-रेलवे टिकटों का व्यापार करने वालों पर प्रतिवर्ष औसत 01 लाख 80 हज़ार रुपए का जुर्माना वसूल किया गया।
यात्री गाड़ियों एवं स्टेशनों पर अनाधिकृत रूप से खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडरों पर प्रतिवर्ष औसत 85 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया।
रेल सुरक्षा बल द्वारा शुरू किए गए इन कार्यों को जनता से बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। मध्यप्रदेश में यात्रियों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए सभी 06 क्षेत्रीय रेलवे जिसमें पश्चिम मध्य रेल, पश्चिम रेलवे, मध्य रेल, उत्तर मध्य रेल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल एवं पूर्व मध्य रेल का विशेष योगदान है।