indore sex racket : NGO की आड़ में गरीब और मजबूर लड़कियां चिन्हित घरेलू काम व पार्लर में काम के बहाने भारतीय सीमा में मामून सुपुर्द कर देती थी। आरोपित उनके फर्जी आइडी कार्ड तैयार कर देश के विभिन्न शहरों में सक्रीय दलालों sex racket के पास भिजवा देता था। पूछताछ में बताया कि उसके करीब 500 दलाल तैयार हो चुके है जिसमें कई शहरों की कमान लड़कियों के हाथों में है।
पांच हजार से ज्यादा लड़कियों की खरीद फरोख्त में गिरफ्तार विजय दत्त उर्फ मामनूर उर्फ मामून पत्नी जौशना के जरिए लड़कियां खरीदता था। बांग्लादेश के कछारीपारा में रहने वाली जौशना महिला उत्थान के लिए एनजीओ चलाती है। वह
एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी के मुताबिक विजय पुत्र विमल दत्त निवासी नाला सुपारा मुंबई का असली नाम मामून उर्फ मामनूर पुत्र वफज्जूल हुसैन निवासी कछारीपारा पाबना नगर पालिका बांग्लादेश है। करीब 25 साल पूर्व बांग्लादेश में साम्प्रदायिक दंगा होने पर गोपाल काका के साथ कृष्णघाट नादिया (पश्चिम बंगाल) आया और धान के खेतों में काम करने लगा। कुछ साल बाद वह मुंबई पहुंच गया और होटल में नौकरी शुरू कर दी। इसी दौरान देह व्यापार में लिप्त रुबी नामक महिला से परिचय हुआ और दलाली करने लगा। इस धंधे में कमाई होने पर मामून जौशुर (बांग्लादेश) के दलाल बख्तियार और शबाना के जरिए लड़कियां खरीदने लगा।
उसने जौशना को भी धंधे के बारे में बताया और कमजोर, गरीब और मजबूर लड़कियां भारत भेजने की सलाह दी। जौशना कथित एनजीओ (महिला उत्थान) की आड़ में गांव-गांव घुमकर लड़कियों को तैयार कर अवैध रुप से भारतीय सीमा में प्रवेश दिलाने का काम करने लगी। बांग्लादेश में गरीबी होने से मामून और जौशना 50 से 70 हजार रुपये में लड़की खरीद लेते थे। कुछ ही समय में मामून ने मुंबई, पुणे, पालघर, जयपुर, उदयपुर, बैंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, जबलपुर, खंडवा, भोपाल, पीथमपुर, धामनोद, राजगढ़, इंदौर सहित कई शहरों में 500 से ज्यादा दलालों का नेटवर्क तैयार कर लिया। वह दलालों के जरिए फोन पर लड़कियां उपलब्ध करवा देता था कमिशन सीधे उसके खातों में जमा होता था।
देह व्यापार से अर्जित कमाई हवाला और हुंडी के माध्यम से बांग्लादेश भिजवाई जा रही थी। एसपी के मुताबिक मामून के साथ दलाल उज्जवल ठाकुर, प्रमोद पाटीदार, बबलू उर्फ पलास सरकार,दिलीप सावलानी व रजनी वर्मा, नेहा उर्फ निशा, दीपा और अकिजा को भी गिरफ्तार किया है। पूछताछ में बताया चेन्नई, सूरत और इंदौर में लड़कियां फ्रेंचाइजी के रूप में काम कर रही थी।
आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक मामून सालों से लड़कियां सप्लाय कर रहा था लेकिन हमेशा पर्दे के पीछे ही रहा। पिछले वर्ष अक्टूबर में जब बांग्लादेशी लड़कियां पकड़ी तो कहा वह विजय का ‘स्टाफ’ है। लड़कियां उसका असली नाम नहीं जानती थी। आरोपित को पकड़ने के लिए एसआइटी का गठन कर आपरेशन ‘तलाश’ नाम रखा गया। विजय नगर थाना टीआइ तहजीब काजी ने एसआइ प्रियंका शर्मा और प्रधान आरक्षक भरत बड़े, आरक्षक कुलदीप, उत्कर्ष की टीम मुंबई भेजी। नाला सुपारा क्षेत्र में एक रूम किराये से लिया और देह व्यापार में लिप्त दलालों से कहा कि वह उप्र से लड़की (एसआइ) लेकर आए हैं।
गिरफ्तार आरोपित
– विजय उर्फ मामनूर उर्फ मामून राशिद पुत्र वफज्जूल हुसैन निवासी कछारीपारा पाबना नगर पालिका बांग्लादेश
– उज्जवल पुत्र ठाकुर पुत्र अवधेश प्रसाद निवासी कालिंदी गोल्ड सिटी बाणगंगा
– दिलीप बाबा पुत्र द्वारकादास सावलानी निवासी स्कीम-78 लसूड़िया
– बबलू उर्फ पलास पुत्र संजीव सरकार निवासी नाला सुपारा मुंबई
– प्रमोद पुत्र शिवराम पाटीदार निवासी विद्यानगर खरगोन
– अकिजा पुत्र माणिक शेख
– दीपा पुत्री तोसिफ मुल्ला शेख
– नेहा उर्फ निशा
– रजनी वर्मा
आरोपितों की संख्या- 9
– अब कुल आरोपित गिरफ्तार- 42
– देशभर में फैले एजेंट- 500 से ज्यादा
– कब से सक्रीय-25 साल
– लड़कियों की खरीद फरोख्त-5 हजार से ज्यादा
तरीका- एनजीओ की आड़ में बांग्लादेश से भारत भेजा
– बहाना- घरों और पार्लरों में नौकरी के बहाने
– प्रमुख ठिकाने- मुंबई, पूणे, पालघर, जयपुर, उदयपुर, बैंगलुरु, हैदराबाद, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, इंदौर