IRCTC की जमकर फजीहत हुई । बंगलुरु-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस में एक प्रोपेगेंडा समाचार पत्र ‘द आर्यावर्त एक्सप्रेस’ The Aryavrath Express बांटे जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। ट्रेन में सफर कर रही महिला यात्री व लैंगिक न्याय की पैराकार गोपिका बाशी ने इस मामले को उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर लिखा, यात्रा के दौरान हर दूसरी सीट पर द आर्यावर्त एक्सप्रेस अखबार पड़ा हुआ था। आखिर आईआरसीटीसी के अधिकारी इसकी अनुमति कैसे दे सकते हैं?
हालांकि, आईआरसीटीसी की ओर से भी स्वीकार किया गया है कि ‘द आर्यावर्त एक्सप्रेस’ अनधिकृत अखबार है। ऐसे में इसको लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है अखबार में?
दरअसल, जिस अखबार के ट्रेन में होने की बात कही जा रही है, आरोप है कि अखबार हिंदुत्व विधारधारा को आगे बढ़ा रहा है। अखबार में मुख्य हेडिंग थी, ‘इस्लामिक शासन में हिंदुओं, सिखों और बौद्धों के नरसंहार को मान्यता देने की आवश्यकता है।’ इसके अलावा भी अखबार में कई शीर्षकों पर महिला यात्री ने आपत्ति जताई।
ट्वीट के बाद आईआरसीटीसी के अधिकारियों को सफाई देनी पड़ी। कंपनी के प्रवक्ता आनंद झा ने कहा कि अखबार ट्रेनों में वितरण के लिए स्वीकृत प्रकाशनों में शामिल नहीं है। झा ने कहा इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र विक्रेता को भी चेतावनी जारी की गई है। वहीं चेन्नई के मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि बेंगलुरु के मंडल रेल प्रबंधक द्वारा जांच की जा रही है।
कांग्रसे सांसद मणिकम टैगोर ने इस पूरे मामले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के समाचार पत्र को एक ट्रेन में बांटे जाने की अनुमति कैसे मिली। क्या माननीय रेल मंत्री इसकी जांच का आदेश देंगे?