Jabalpur हाई कोर्ट HC ने एक जनहित याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि ग्राम पंचायत की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाए जाएं। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति सुनीता यादव की युगलपीठ ने पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सैल के जरिये कार्रवाई पर बल दिया है।इसके लिए तीन माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
जनहित याचिकाकर्ता ग्राम पंचायत मुंगमनी के सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजकिशोर द्विवेदी की ओर से अधिवक्ता पुरुषोत्तम दास जायसवाल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि उमरिया जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत मुंगमनी की शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। दबंगों ने बाउंड्रीवाल, कच्चे-पक्के मकान बना लिए हैं।इस वजह से सार्वजनिक निस्तार बाधित हो रहा है।
यह बिंदु ग्राम पंचायत में रखा गया था। जिस पर विचार करते हुए ग्राम पंचायत ने अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित कर तहसीलदार मानपुर को भेज दिया था। जिसके बाद नोटिस तो जारी हुए लेकिन अतिक्रमण हटाने की ठोस कार्रवाई अब तक नदारद है।
इस वजह से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं।सवाल उठता है कि जब मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत तहसीलदार को कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई।सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि शासकीय भूमि के अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई के सिलसिले में पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सैल का गठन किया जा चुका है।लिहाजा, नियमानुसार शिकायत पर कार्रवाई होगी। कोर्ट ने नियम का समय पर पालन करने के निर्देश दिए हैं।