मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से पूछा है कि कटनी, मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल जिलों में सीटी स्कैन मशीन लगने तक सरकार प्राइवेट जांच कराने वाले मरीजों का कितना खर्च उठाएगी?
अप्रैल 2021 तक लगाई जाएगी मशीन : स्वास्थ्य सचिव की ओर से गुरुवार को शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि अप्रैल 2021 तक 9 जिलों के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी जाएगी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस प्रकाश श्रीवासतव की युगलपीठ ने इस जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को निर्धारित कर दी है।
सरकार उठाए खर्च : यचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश सोनी ने दलील देते हुए कहा कि जब तक सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई जाती है, तब तक गरीबों को प्राइवेट अस्पताल में सीटी स्कैन कराने का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाए। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इस संबंध में जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नाड ने पक्ष प्रस्तुत किया।
यह है मामला : यह जनहित याचिका कटनी एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए वर्ष 2017 में टेंडर निकाला गया था। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआइ एंड सीटी स्कैन कंपनी को फरवरी, 2019 तक जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाना था, लेकिन अभी तक सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई है। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआइ एंड सीटी स्कैन कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने कही भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है।