पटना। पटना में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को हुई बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया है। पार्टी ने सर्वसम्मति से तय किया है कि वो एनडीए में शामिल होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर हुई पार्टी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ पटना में शरद यादव समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और नीतीश कुमार के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि जदयू की बैठक में इस बैठक में शरद यादव को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ शरद यादव भी पार्टी नेताओं की एक बैठक आज ही बुलाई है। इसके बाद यह दिलचस्प होगा कि जदयू का कौन सा नेता किसा तरफ जाता है।
बैठक से पहले शहर की सड़कों पर पोस्टर वार छिड़ती दिखी। नीतीश और शरद यादव दोनों के ही समर्थकों ने अपने-अपने होर्डिंग लगाकर खुद को असली जदयू बताया है।बैठक में जाने से पहले पार्टी के नात केसी त्यागी ने कहा कि इसके लिए शरद यादव को भी निमंत्रण भेजा गया है, वो बैठक में आकर मतभेद सुलझा सकते हैं। वहीं खबर है कि इस बैठक में शरद यादव शामिल नहीं होंगे।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद राष्ट्रीय परिषद का खुला अधिवेशन दोपहर बाद तीन बजे वीरचंद पटेल पथ स्थित रवींद्र भवन में होगा। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुला अधिवेशन को मुख्य रूप से संबोधित करेंगे। कई राज्यों से जदयू के प्रतिनिधि खुला अधिवेशन में शामिल होंगे।
11 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी दिल्ली यात्रा के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भेंट की थी। अमित शाह ने मुख्यमंत्री को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। उसी मुलाकात के दौरान शाह ने नीतीश को राजग में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद शाह ने इस आशय का ट्वीट भी किया था।
2019 के आम चुनाव के लिए तैयार हो रहा प्लेटफॉर्म
जदयू के राजग में शामिल होने से बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव का प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है। इसका असर यह भी संभव है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार को राजग का संयोजक बना दिया जाए। पूर्व में जदयू के जार्ज फर्नांडिस राजग के संयोजक रहे हैं। जदयू नेता संजय झा ने कहा कि जब बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार है तो यह स्वाभाविक है कि जदयू अब राजग का हिस्सा हो जाएगा। लोकसभा चुनाव में इसका काफी असर दिखेगा।