Joshimath danger zone: तुरंत खाली होगा डेंजर जोन, बनेगा अस्थायी पुनर्वास केंद्र, किराए पर रहने के पैसे देगी सरकार मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से पैदा हुए हालात की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में धामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ गए विशेषज्ञ दल के सदस्यों से भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। कहा, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्रवाई ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए।
जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिए नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त कर निर्देश दिए कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट कर सकें, इसकी भी तैयारी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का ख्याल रहे कि ऐसे समय में प्रभावितों की आजीविका प्रभावित न हो। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है, की जाए। तात्कालिक महत्व के कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन नियमों का पालन करने की व्यवस्था बनाई जाए।
छह माह तक किराया देगी सरकार
जोशीमठ भू-धंसाव की वजह से बेघर हुए लोगों को सरकार छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान करेगी। जिला प्रशासन ने इसकी शुरुआत कर दी है। दरअसल, राज्य सरकार ने दो सितंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत बेघर हुए लोगों को किराये के मकान में रहने के लिए चार हजार रुपये प्रति परिवार की दर से छह माह तक मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्णय लिया गया था। इसी आधार पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र भेजकर सीएम राहत कोष से भुगतान कराने की स्वीकृति मांगी थी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि नियमानुसार जिला प्रशासन ने राशि का भुगतान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री इन 10 निर्देशों पर तत्काल अमल करने को कहा
1. डेंजर जोन वाले क्षेत्र को तत्काल खाली करवाया जाए।
2. तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए।
3. जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए।
4. जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए
5. स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी, गौचर सहित अन्य स्थानों पर जगह तलाशें।
6. कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू करें।
7. सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
8. जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर संपर्क में रहे।
9. अन्य डेंजर जोन भी चिन्हित करें, समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।
10. सेटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं, इन्हें देखा जाए।
एसडीआरएफ व एनडीआरएफ अलर्ट पर रहे
सीएम ने प्रभावितों की मदद के लिए एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ को अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूरे कर लिए जाएं।