justice to farmers : वर्तमान सामाजिक-आर्थिक संरचना में किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं। हमारे द्वारा जो भी खाद्य पदार्थ इस्तेमाल किये जाते हैं वह लगभग सभी किसानों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। इसलिए, देश की पूरी आबादी किसानों पर निर्भर है। आप इस किसान पर निबंध ( के माध्यम से किसान के जीवन से लेकर हमारा जीवन उनपर कितना निर्भर है यह सभी बातें जान सकते हैं। किसानों के अथक परिश्रम से ही अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाया जाता है।
justice to farmers :भारत में किसानों की स्थिति | Conditions of farmers in India हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे किसान ही हैं जो हमें वह सभी भोजन प्रदान करते हैं जो हम खाते हैं और हष्ट-पुष्ट रहते हैं। देख जाये तो देश की पूरी आबादी ही किसानों पर निर्भर है। चाहे वह सबसे छोटा देश हो या सबसे बड़ा देश। उन्हीं की वजह से हम धरती पर रह पाते हैं, स्वस्थ्य जीवन जी पते हैं और अपना पेट भर पाते हैं। इस प्रकार भी किसानों को अपनी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पाता इसलिए भारत का किसान हमेशा दूखो से भरा रहता है जीवन |
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justice to farmers किसान इस दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण लोग में से एक यानि कि हमारे जीवन यापन के लिए रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं।किसानों के लिए सरकार द्वारा उठाया गया महत्त्वपूर्ण कदम यह की वह किसानों को 6000 रुपये की वार्षिक पेंशन का भी भुगतान करती है।भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का 17 प्रतिशत योगदान है। किसान हमारे देश के लिए और हमारे जीवन के लिए क्यों महत्त्व रखते हैं हम जो भी खाते हैं और हमारा शरीर जिसके वजह से हष्ट-पुष्ट रहता है वह सब किसान की ही देन है इसीलिए हमारा पूरा जीवन किसान पर निर्भर है ।