Jyeshtha Amavasya 2021। ज्येष्ठ माह का हिंदू पंचांग में विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह में कई हिंदू त्योहार, पर्व और व्रत आते हैं। पंचांग के मुताबिक 10 जून, 2021 को गुरुवार के दिन ज्येष्ठ अमावस्या है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन तीर्थ स्नान, दान, व्रत और पूजा पाठ का काफी महत्व होता है। यदि यह सब पुण्य कार्य किए जाते हैं तो सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है साथ ही सभी पाप दूर हो जाते हैं। ज्येष्ठ अमावस्या पर विशेष रूप से भगवान शिव-पार्वती, विष्णुजी और वट वृक्ष की पूजा की जाती है। ज्येष्ठ अमावस्या के महत्व के बारे में पुराणों में भी उल्लेख किया गया है। आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान और दान का धार्मिक महत्व आखिर क्यों है –
ज्येष्ठ अमावस्या का धार्मिक महत्व
ज्येष्ठ अमावस्या पर पवित्र धार्मिक नदियों में स्नान के विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि तीर्थ स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों की शांति के लिए तर्पण करने से जीवन में शांति मिलती है। साथ ही तर्पण के बाद गरीबों को भोजन और जल दान का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन अन्न और जल दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं, जिससे परिवार में समृद्धि आती है।
ज्येष्ठ अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम
– मांस या मदिरा का सेवन नहीं करें।
– किसी भी तरह से धन उधार नहीं लेना चाहिए।
– इस दिन नई वस्तु की खरीदारी भी नहीं करना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या जरूर करें ये धार्मिक कार्य
– ज्येष्ठ अमावस्या पर गाय, कुत्ता और कौआ को अन्न जरूर खिलाना चाहिए।
– पीपल और बड़ के वृक्ष का पूजन करना चाहिए।
– पितरों की शांति के लिए तर्पण करें।
– पीपल पर सूत बांधना चाहिए, कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए।
– काले तिल और जौ का भी दान करना चाहिए और तुलसी या बड़ के पेड़ के पास दीपक जलाना चाहिए।