LIVE Rani Kamlapati Railway Station: भोपाल। प्रधानमंत्री ने सोमवार को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने उद्धोधन में कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति जी का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व भी और बढ़ गया है। गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। लोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीदें तक छोड़ दी थीं। लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटता है, तो सुधार आता है, परिवर्तन होता है, ये हम बीते सालों से निरंतर देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi द्वारा भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का राष्ट्र को समर्पण #NayeBharatKaNayaStation #RaniKamalapatiStation https://t.co/CrPIGZsrzT
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) November 15, 2021
उन्होंने कहा कि 6-7 साल पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, तो वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए ज्यादा नजर आता था। स्टेशन पर भीड़-भाड़, गंदगी, ट्रेन के इंतज़ार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने-खाने-पीने की असुविधा, ट्रेन के भीतर गंदगी, सुरक्षा की चिंता, दुर्घटना का डर, ये सबकुछ एक साथ दिमाग में चलता रहता था। भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका एक उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला आइएसओ सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है। जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं। आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकार्ड इनवेस्टमेंट तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो, किसी तरह की बाधा ना आए। हाल में शुरू हुआ, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा।
ज़माना था, जब रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी ड्रॉइंग बोर्ड से ज़मीन पर उतरने में ही सालों-साल लग जाते थे। लेकिन आज भारतीय रेलवे में भी जितनी अधीरता नए प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग की है, उतना ही गंभीरता उनको समय पर पूरा करने की है। पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है। भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है। आज़ादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर explore किया जा रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री के रानी कमलापति स्टेशन पहुंचने पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उनकी अगवानी की। यहां पहुंचकर प्रधानमंत्री ने कमलापति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। यहां रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने उन्हें रानी कमलापति की प्रतिमा और शाल भेंट की।