katni वैसे तो हम स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं पर आजादी के 7 दशक बाद भी जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं वह बेहद हैरान करने वाली हैं। यह तश्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इस वीडियो में कटनी के एक गांव के बच्चे जान जोखिम में डालकर महानदी को पार करते नजर आ रहे है दरअसल ये फोटो बड़वारा तहसील क्षेत्र के भदौरा नम्बर 2 ग्राम की बताई जा रहीं हैं
जहाँ सैकड़ों ग्रामीणों के साथ साथ रोजाना हाई सेकेंडरी बसाडी में अध्ययन करने वाले लगभग 40 छात्र छात्राएं अपनी जान को हथेली में लेकर जानलेवा महानदी को पार कर विद्यालय पहुंचते है।
छात्र-छात्राओं ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव से विद्यालय पहुंचने के लिए महानदी के अलावा दूसरे रास्ते से जाने पर लगभग 15 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जबकि नदी पार करने के बाद गांव और विद्यालय की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है यही वजह है कि हम सभी छात्र छात्राएं प्रतिदिन नदी पार कर विद्यालय पहुंचते हैं।
वहीं इस पूरे मामले पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक बसारी के प्रभारी प्राचार्य जवाहर लाल बुनकर ने बताया कि अधिकांशत बच्चे इसी तरह जोखिम भरे रास्ते से विद्यालय आते हैं हालांकि कई बार छात्र छात्राओं को इस जोखिम भरे रास्ते से ना आने की हिदायत दी गई है फिर भी बच्चे मजबूरन नदी को पार करते हैं।
आपको बता दे लंबे अरसे से ग्रामीणों के द्वारा पुल बनाए जाने की मांग की जा रही है इसके बावजूद भी अब तक पुल का निर्माण कार्य नहीं हो सका है जिसका नतीजा स्कूली छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त करने के लिए मजबूर हैं।
यह सभी स्कूली बच्चे रोज जान जोखिम में डालकर तमाम तकलीफें उठाकर स्कूल पहुंचते हैं ताकि इनका भविष्य बेहतर हो सके इन तमाम तकलीफों के बीच इनकी तकलीफ और ज्यादा तब बढ़ जाती है जब इन्हें इस बात का एहसास होता है कि सूबे का मुखिया कोई और नहीं , इनका अपना मामा है