KATNI में गमगीन दृश्य देखने मिला। बेटियां बेटों से भी फर्ज अदा करने में आगे हैं। आज मुक्तिधाम नदी पार में ऐसा ही गमगीन दृश्य देखने मिला। यहां दो चिंताएं अंतिम संस्कार के लिए आई थी। दोनों को ही बेटियों ने मुखाग्नि दी।
पहली दुर्गा चौक खिरहनी निवासी युवक की थी। जिसका छोटा भाई का पूर्व में स्वर्गवास हो गया है। घर में बची छोटी बहन मोना त्रिपाठी ने अपने भाई को मुखाग्नि दी।
ठीक उसी के बगल में दूसरी चिंता सावरकर वार्ड संतनगर निवासी जगदीश गोयनका की थी जिनकी तीन पुत्रियां हैं। पहली अमरावती में दूसरी स्लीमनाबाद में और तीसरी छोटी घर मे रहती है। दिवंगत श्री गोयनका को पहली और तीसरी बेटी ने पिता को मुखाग्नि देकर पुत्र का फर्ज निभाते अंतिम संस्कार किया। लोगों ने बेटियों के जज्बे को सलाम किया।