श्री पाठक ने कहा कि बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल ही नहीं बर्बाद हुई बल्कि उनका पूरा साल खराब हो गया है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार 21 फरवरी की शाम को तेज बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि भी हुई थी। ओलावृष्टि से विजयराघवगढ़ क्षेत्र के दो दर्जन से भी अधिक ग्रामों की गेहूं और चने के अलावा अन्य फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। गेहूं की जिन फसलों में बालियां निपस आई थीं ओले की मार से वे पौधे धराशायी हो गए हैं। चने की अधिकांश फसल में फूल आ चुके थे जो तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण झर चुके हैं। इस दैवीय आपदा से किसान तबाह हो गया है।
ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की खबर मिलते ही विधायक संजय सत्येंद्र पाठक बीते रविवार को एसडीएम प्रिया चंद्रावत एवं तहसीलदार महेंद्र पटेल सहित राजस्व अधिकारियों को साथ लेकर प्रभावित ग्रामों में पहुंचे और एक-एक खेत तक पहुंचकर फसलों को हुई क्षति का जायजा लिया। विधायक श्री पाठक ने साथ चल रहे राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को हुई क्षति का आंकलन कर राहत प्रकरण शीघ्र तैयार किये जाएं ताकि किसानों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि फसल पर किसानों का पूरा साल निर्भर रहता है।
उनके परिवार में शादी ब्याह एवं अन्य आयोजन फसल आ जाने के बाद ही होते हैं। ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान से किसानों का पूरा साल बर्बाद हो गया है। जिन किसानों की सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा है उसका भी सर्वे कर प्रकरण तैयार किये जाएं। विधायक श्री पाठक ने कहा कि किसानों को सहायता दिलाने के लिए वे राज्य शासन स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो वे मुख्यमंत्री से भेंट कर इस संबंध में उनसे चर्चा करेंगे। फसल निरीक्षण के दौरान जिला भाजपा महामंत्री उदयराज सिंह चौहान, मंडल अध्यक्ष मनीष देव मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष प्रमोद शुक्ला, कालीचरण बड़गैयां आदि ग्रामीण उनके साथ थे।
Katni विजयराघवगढ़: प्रभावित किसानों को जल्द मिलेगी सहायता- संजय पाठक
विजयराघवगढ़। मध्यप्रदेश शासन के पूर्व राज्यमंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने बीते रविवार को विजयराघवगढ़ के ओलावृष्टि से प्रभवित ग्राम राखी पुरैनी, गोइंद्रा, बंजारी, टीकर, परसवारा आदि ग्रामों का दौरा किया एवं ओलावृष्टि से फसलों को हुई क्षति का जायजा लिया। विधायक श्री पाठक ने एसडीएम एवं तहसीलदार को निर्देशित किया कि सभी प्रभावित किसानों के राहत प्रकरण तत्काल तैयार कर राज्य शासन को भेजे जाएं ताकि किसानों को आर्थिक सहायता मिल सके।